Delhi की चैतन्या एक दिन के लिए बनीं ब्रिटिश उच्चायुक्त, कभी हाई कमीशन की लाइब्रेरी में पढ़ती थीं

दिल्ली (Delhi) की चैतन्या को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त (High Commissioner) बनने का मौका मिला है. चैतन्या कभी ब्रिटिश हाईकमीशन की लाइब्रेरी में पढ़ने जाया करती थीं. चैतन्या के मुताबिक, उनके लिए यह सपना सच होने जैसा है.

Delhi की चैतन्या एक दिन के लिए बनीं ब्रिटिश उच्चायुक्त, कभी हाई कमीशन की लाइब्रेरी में पढ़ती थीं

ब्रिटेन की एक दिन की उच्चायुक्त चैतन्या वेंकटेश्वरन

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) की चैतन्या को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त (High Commissioner) बनने का मौका मिला है. चैतन्या कभी ब्रिटिश हाईकमीशन की लाइब्रेरी में पढ़ने जाया करती थीं. चैतन्या के मुताबिक, उनके लिए यह सपना सच होने जैसा है.

चैतन्या वेंकटेश्वरन को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की वरिष्ठतम राजनयिक बनने का अवसर बुधवार को मिला। ब्रिटिश हाई कमीशन ने वेंकटेश्वरन को दुनियाभर की महिलाओं के समक्ष चुनौतियों को उभारने और महिला सशक्तीकरण के लिए मिशन की पहल के तहत यह अवसर दिया. चैतन्या ने कहा कि जब वह छोटी थीं, तब ब्रिटिश काउंसिल के पुस्तकालय जाया करती थीं. एक दिन के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर है.

चैतन्या यह उपलब्धि पाने वालीं चौथी लड़की
ब्रिटिश उच्चायोग 2017 से हर साल एक दिन के लिए उच्चायुक्त प्रतियोगिता आयोजित करता रहा है. इसमें 18 से 23 वर्ष की युवतियां भाग ले सकती हैं. 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ब्रिटेन के उच्चायुक्त की ओर से आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता के तहत चैतन्या चौथी युवती हैं, जो ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनी हैं.

भारतीय प्रतिभागियों से महिला सुरक्षा पर चर्चा
वेंकटेश्वरन ने वरिष्ठ राजनयिक के तौर पर एक दिन को बेकार नहीं जे दिया. उन्होंने उच्चायुक्त के विभाग प्रमुखों को उनका काम सौंपा. वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और मीडिया से मुलाकात की. भारतीय महिला प्रतिभागियों पर ब्रिटिश काउंसिल स्टेम छात्रवृत्ति के असर का पता के अध्ययन की शुरुआत की.

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सोशल मीडिया पर शुरू हुई थी प्रतियोगिता
भारत में ब्रिटेन के कार्यवाहक उच्चायुक्त जैन थॉम्पसन ने कहा कि यह प्रतियोगिता उन्हें बहुत पसंद है, जो असाधारण युवतियों को मंच मुहैया कराती है.प्रतियोगिता के तहत इस साल प्रतिभागियों से सोशल मीडिया पर एक मिनट का वीडियो डालने को कहा गया था, जिसमें उन्हें यह बताना था कि कोविड-19 संकट में महिला-पुरुष समानता के लिए क्या वैश्विक चुनौतियां और अवसर हैं?
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)