मोदी सरकार के लिए आसान नहीं है तीन तलाक बिल की राह, ये चुनौतियां अब भी

ट्रिपल तलाक़ बिल नई लोक सभा में मोदी सरकार फिर लाने की तयारी कर रही है. बुधवार को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद इसे लोक सभा में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है.

मोदी सरकार के लिए आसान नहीं है तीन तलाक बिल की राह, ये चुनौतियां अब भी

ट्रिपल तलाक़: नई सरकार के सामने चुनौतियां

नई दिल्ली:

ट्रिपल तलाक़ बिल नई लोक सभा में मोदी सरकार फिर लाने की तयारी कर रही है. बुधवार को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद इसे लोक सभा में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है.सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा है की सरकार को उम्मीद है को इस बार राज्य सभा में विपक्ष का समर्थन उन्हें मिलेगा. लेकिन जहां लोक सभा में चुनाव के बाद एनडीए की स्थिति और मजबूत हुई है, राज्य सभा में राजनितिक समीकरण नहीं बदले हैं. जिन कारणों से मोदी सरकार पिछले कार्यकाल में राज्य सभा में ट्रिपल तलाक़ बिल के समर्थन में जरूरी समर्थन नहीं जुटा पायी थी वो अब भी बरकरार है. 

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ये महत्वपूर्ण है की जेडीयू का विरोध अब भी बरकरार है. जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने बिल पर आपने विरोध फिर जता दिया है. उधर नवीन पटनायक की बीजेडी ने भी बिल के प्रारूरप पर सवाल उठा दिया है और बिल के ड्राफ्ट में अहम् बदलाव की मांग की है. बीजेडी के लोक सभा सांसद पिनाकी मिश्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि  ट्रिपल तलाक़ बिल के प्रारूप पर हमें कई चिंताएं हैं. इसे देने के दोषी पति को अगर जेल भेजा जायेगा तो फिर पीड़ित पत्नी को मुआवज़ा कौन देगा और कैसे दिया जायेगा? बीजेडी सासंद का कहना है कि ट्रिपल तलाक़ बिल में ऐसे प्रावधान शामिल करने होंगे जो व्यावहारिक हों. 

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पिनाकी मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक़ को अवैध करार दिया है. इस फैसले को सही तरीके से ज़मीन पर लागू करना बेहद ज़रूरी होगा. आपको बता दें कि जेडीयू और बीजेडी के विरोध के बाद ट्रिपल तलाक़ को राज्य सभा में आगे बढ़ाना सरकार के लिए मुश्किल होगा. राज्य सभा में जेडीयू के 6 और बीजेडी के 5 सांसद हैं. 

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Video: तीन तलाक़ बिल को कैबिनेट ने मंज़ूरी दी