
चंद्रयान 2 के बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित किया
पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
मैं आपके चेहरों पर मायूसी को समझ सकता हूं यान से जब संपर्क टूटा, वह क्षण मैंने भी आपके साथ उतना ही महसूस किया, हमारा हौसला और बुलंद हुआ है.
मां भारती का सिर ऊंचा हो, इसके लिये आप पूरा जीवन खपा देते हैं. मैं कल रात की आपकी मन:स्थिति को समझता हूं. आपकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं. आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था, इसलिये मैं आपके बीच ज्यादा देर नहीं नहीं रुका.
हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के कारण असंख्य लोगों को बेहतर जिंदगी मिली. हमारे मारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में अभी सर्वश्रेष्ठ होना बाकी है, भारत आपके साथ है :
हम निश्चित रूप से सफल होंगे. इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी.
हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं. ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है.
विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं. कल फिर नया सवेरा होगा. आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है, संकल्प और प्रबल हुआ है
आज भले ही कुछ रुकावटें हाथ लगी हो लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है, बल्कि और मजबूत हुआ है. हमारे रास्ते में भले ही एक रुकावट आई हो, लेकिन इससे हम अपनी मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं हैं.
हमारे कार्यक्रम ने न केवल हमारे नागरिकों बल्कि दुनिया के अन्य देशों की बेहतरी के लिये काम किया है. स्वास्थ्य सेवा से लेकर अन्य क्षेत्रों में हमारे वैज्ञानिकों का महतवपूर्ण योगदान है.
जहां तक हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों का सवाल है, तो सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है. कई नये क्षेत्रों में खोज करने के अवसर हैं. मैं अपने वैज्ञानिकों से कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है. आप विशिष्ठ पेशेवर हैं जो राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे रहे हैं.
आप मक्खन पर लकीर करने वाले लोग नहीं, बल्कि पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं. अतीत में कई ऐसे अवसर आए हैं जब रुकावटों को पीछे छोड़ कर हमने वापसी की है.
इनपुट : भाषा