कर्नाटक में APMC कानूनों में बदलाव से किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी परेशान

एपीएमसी संशोधन बिल विधानसभा में पहले ही पास हो गया था, इस बार परिषद में उसे पास करवाने में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कामयाब रहे, इसके प्रावधानों के मुताबिक अब व्यापारी किसानों से सीधे उनके उत्पाद को खरीद सकेंगे.

बेंगलुरू:

कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया लेकिन दो बिलों की वजह से है जो विवाद खड़ा हुआ वह थमने का नाम नहीं लेता भूमि अधिग्रहण बिल के साथ-साथ एपीएमसी कानून में बदलाव से किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी परेशान है. अब कर्नाटक में ना सिर्फ किसानों से सीधे व्यापारी जमीन खरीद पाएंगे बल्कि अब किसान एपीएमसी के बाहर अनाज और दूसरे उत्पादन बगैर किसी रोक-टोक के बेच पाएंगे.

बेंगलुरु शहर के बीचो बीच स्थित एपीएमसी यार्ड यशवंतपुर में कुली से लेकर व्यापारी सभी परेशान है. क्योंकि कर्नाटक के नए एपीएमसी कानून की वजह से इस यार्ड के वजूद पर सवाल खड़ा हो गया है. यहां के व्यापारियों के साथ साथ परेशान हैं तकरीबन 3000 कुली और ऐसी ही दो हजार दूसरे लोग जो खेतों से इस मंडी में लाए जाने वाले उत्पादन हो को ट्रक से उतारकर मंडी तक पहुंचाते थे. विनोद पिछले तकरीबन 11 सालों से इस काम से जुड़ा है और हर रोज 500 से लेकर 12 सौ रुपए कमा लेता है लेकिन नए कानून से अब इसे भी डर लग रहा है.

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विनोद का कहना है , "कोरोना वायरस की वजह से पहले से ही बाजार के हालात खराब थे, अब नए कानून के बाद हमारी रोजी रोटी है के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी बीवी बच्चों को पालना मुश्किल होगा."

एपीएमसी संशोधन बिल विधानसभा में पहले ही पास हो गया था, इस बार परिषद में उसे पास करवाने में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कामयाब रहे, इसके प्रावधानों के मुताबिक अब व्यापारी किसानों से सीधे उनके उत्पाद को खरीद सकेंगे. उन्हें अब यार्ड में लाने की जरूरत नहीं है. हालांकि जो यार्ड में लाकर अपने उत्पाद को बेचना चाहते हैं, उन पर किसी तरह की रुकावट भी नहीं है. 

यशवंतपुर एपीएमसी यार्ड  के व्यापारी टी खान ने बताया,  "एपीएमसी में बेचारे से दाम भी स्थिर रहता था और पता चलता था कि किसने क्या भेजा और किसने क्या खरीदा लेकिन अब यह निगरानी सिस्टम खत्म हो जाएगा तो  दाम को नियंत्रण में रखना भी मुश्किल होगा."

कर्नाटक में 163 एपीएमसी यार्डस है, जिनसे सरकार को भी हर साल लगभग 600 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. यार्डस में व्यापार काम होगा तो ये आमदनी भी कम होगी और यहां कुली परिवहन खाता बही और व्यापारी के तौर पर जुड़े लगभग ढाई लाख लोगों के रोजगार पर संकट छाएगा.

कर्नाटक में पास हुआ विवादित भूमि सुधार बिल
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