यह ख़बर 09 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा सम्पन्न

पटना:

बिहार में छठ पर्व का समापन शनिवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ हुआ। इस दौरान लाखों लोगों, विशेषकर महिलाओं ने ठंड की परवाह किए बगैर नदियों में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की।

छठ पर्व को देखते हुए किए गए सुरक्षा के बेहतर इंतजाम की वजह से इस दौरान छोटी-मोटी दुर्घटनाएं ही देखने को मिली, बाकी त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था)  एसके भारद्वाज ने कहा, हम राहत महसूस कर रहे हैं कि छठ पूजा शांति से संपन्न हो गया।

इस त्योहार पर सूर्य की पूजा की जाती है और सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, पेड़ा, पकवान, चावल के लड्डू, कच्ची सब्जियां और मौसम की पहली फसल चढ़ाई जाती है। सभी मीठे पकवान और फल-सब्जियां बांस की बनी टोकरी और सूप में चढ़ाए जाते हैं। सूर्य ऊर्जा और जीवनी शक्ति के देवता माने जाते हैं और छठ के दौरान इनकी पूजा उन्नति, बेहतरी और प्रगति के लिए की जाती है। श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया था।

अधिकारियों के मुताबिक, पटना और पड़ोसी जिलों में भगवान सूर्य की अराधना के लिए शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह दो लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा और पुनपुन नदियों के तट पर जमा हुए। गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया और अन्य जिलों में भी भारी भीड़ उमड़ी।

छठ पूजा की शुरुआत बुधवार को 'नहाय खाय' के साथ हुई थी, जिस दौरान व्रतियों ने नदियों में स्नान किया था। इसके अगले दिन गुरुवार को 'खरना' संपन्न हुआ, इस दिन घरों में मीठे पकवान बना कर रिश्तेदारों और मित्रों में बांटे जाते हैं। कभी यह त्योहार बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अन्य राज्यों में यहां के लोगों की बढ़ती तादाद की वजह से यह दूसरे राज्यों में भी तेजी से लोकप्रिय हुआ है।  छठ पूजा का आयोजन कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में भी होता है।


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