यह ख़बर 04 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

चिदंबरम की याचिका अदालत में खारिज

खास बातें

  • चिदंबरम ने अपने प्रतिद्वंद्वी और अन्नाद्रमुक प्रत्याशी आरएस राजा कन्नप्पन की ओर से दायर चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग की थी।
चेन्नई:

मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को गृह मंत्री पी चिदंबरम की एक याचिका को खारिज कर दिया। चिदंबरम ने अपने प्रतिद्वंद्वी और अन्नाद्रमुक प्रत्याशी आरएस राजा कन्नप्पन की ओर से दायर चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग की थी। कन्नप्पन ने 2009 के आम चुनाव में शिवगंगा लोकसभा क्षेत्र से चिदंबरम के निर्वाचन को चुनौती दी थी। अपनी याचिका में चिदंबरम ने तर्क दिया था कि कनप्पन की ओर से दायर याचिका में कई खामियां हैं और इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए। कन्नप्पन मात्र 3,354 मतों से चुनाव हार गए थे। चिदंबरम ने दावा किया था कि कनप्पन ने जब यह याचिका दायर की थी तो उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने यह खामियां बताईं थीं। चिदंबरम की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति के वेंकटरमन ने कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि खामीयुक्त कोई चुनाव याचिका, जिसे सुधारा नहीं जा सके, उसे अंत में एक चुनाव याचिका नहीं माना जा सकता है। लेकिन मौजूदा मामले में अधिकारी ने जिन खामियों की ओर संकेत किया है, वे ऐसी खामियां नहीं हैं, जिन्हें सुधारा नहीं जा सके और इसके चलते चुनाव याचिका को खारिज कर दिया जाए। न्यायाधीश ने कहा कि उनका मत है कि चिदंबरम की याचिका खारिज करने योग्य है और इसीलिए खारिज की जाती है। कन्नप्पन ने 25 जून, 2009 को दायर अपनी याचिका में कहा था कि चिदंबरम के निर्वाचन को शून्य ठहरा दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने, उनके चुनाव एजेंटों और अन्य लोगों ने उनकी सहमति से मतों में हेर-फेर और कई धांधलियां की हैं। उन्होंने पूरे विधानसभा क्षेत्र में मतों की दोबारा गणना की भी मांग की। जून में नई दिल्ली आईं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने यह कहते हुए चिदंबरम के इस्तीफे की मांग की थी कि वह गलत तरीके से संसद पहुंचे हैं।


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