यह ख़बर 16 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा के आरोपों से चिदंबरम का साफ इनकार

खास बातें

  • चिदंबरम ने इन आरोपों से साफ इनकार किया कि उन्होंने होटल व्यवसायी के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने में उसकी किसी तरह से कोई मदद की।
नई दिल्ली:

केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भाजपा के इन आरोपों से साफ इनकार किया कि उन्होंने दिल्ली के होटल व्यवसायी के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर वापस लेने में उसकी किसी तरह से कोई मदद की है। उन्होंने भाजपा की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि यह हितों के टकराव का मामला है। चिंदबरम ने संवाददाताओं से कहा कि 2004 से होटल व्यवसायी एसपी गुप्ता ने गृह मंत्रालय को 40 से अधिक पत्र लिखे और आग्रह किया कि उनके खिलाफ दायर तीन एफआईआर वापस ली जाएं। इन पत्रों में तीन सांसदों ने भी गुप्ता की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा, मुझे गहरी ठेस पहुंची है। मैं भाजपा के निराधार आरोपों का पूरी कड़ाई से खंडन करता हूं। चिदंबरम की यह टिप्पणी गुप्ता के खिलाफ तीन एफआईआर वापस लेने को लेकर उठे विवाद के परिप्रेक्ष्य में आया है। गुप्ता पर आरोप है कि उसने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नामों का दुरुपयोग कर वीएलएस फाइनेंस नामक कंपनी के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। खबरों में बताया गया कि यह हितों के टकराव का मामला है कि क्योंकि गुप्ता चिदंबरम का मुवक्किल था और चिदंबरम ने वकील के रूप में उनके मामले अदालत में लड़े। खबरों में तो ये दावा भी किया गया है कि गृह मंत्री के रूप में चिदंबरम ने दिल्ली सरकार से सिफारिश की कि गुप्ता के खिलाफ एफआईआर वापस ली जाए।


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