यह ख़बर 22 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

चिदंबरम ने लिया भाजपा को आड़े हाथ

खास बातें

  • चिदंबरम ने कर्नाटक के राज्यपाल की आलोचना करने के लिए भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राज्यपाल का फैसला कानून के अनुरूप है।
New Delhi:

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कर्नाटक के राज्यपाल की आलोचना करने के लिए भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राज्यपाल का फैसला कानून के अनुरूप है। चिदंबरम ने एक बयान में कर्नाटक सरकार और भाजपा से कहा कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखें। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने के पार्टी के फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि राज्यपाल द्वारा किसी मुख्यमंत्री या मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में कानून एकदम स्पष्ट है। चिदंबरम ने कहा कि उन्हें इस बात से निराशा है कि भाजपा ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है, जो गलत और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना कर्नाटक सरकार की प्रतिबद्धता है। भारद्वाज ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। भाजपा ने यह कहते हुए राज्यपाल की आलोचना की कि यह फैसला संवैधानिक रूप से अनुचित है और राजनीति से प्रेरित है। भाजपा की आलोचना करते हुए चिदंबरम ने कहा कि उसे कानूनी स्थिति का पता है। भाजपा को यह भी पता है कि राज्यपाल के आदेश पर यदि किसी को आपत्ति है, तो वह कानूनी उपाय कर सकता है। चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि भाजपा अपनी राज्य इकाई को कानून का पालन करने के लिए कहेगी और कर्नाटक सरकार को, मेरी सलाह है कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता का पालन करे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक के घटनाक्रम पर संज्ञान लिया है। मेरे इस बयान का उद्देश्य कानूनी और संवैधानिक स्थिति स्पष्ट करना है। चिदंबरम ने कहा कि वह भाजपा का ध्यान कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संतोष हेगड़े के बयान की ओर दिलाना चाहेंगे, जिन्होंने कहा है कि मुकदमे की मंजूरी देना राज्यपाल का अधिकारक्षेत्र है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लै से आग्रह किया है कि वह कर्नाटक के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से इस सिलसिले में बात करें।


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