Karnataka : क्या बदला जाएगा मुख्यमंत्री? जाने कर्नाटक संकट से जुड़ीं 12 बड़ी बातें

कर्नाटक में हुई राजनीतिक संकट के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में आजाद ने यहां मीडिया को बताया, 'प्रधानमंत्री जी (नरेन्द्र मोदी) कहते हैं - सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास. ये तो टेलीविजन पर बहुत अच्छी चीजें लगती हैं. लेकिन जमीन पर नहीं है.

Karnataka : क्या बदला जाएगा मुख्यमंत्री? जाने कर्नाटक संकट से जुड़ीं 12 बड़ी बातें

कर्नाटक के 11 बागी विधायक

नई दिल्ली: कर्नाटक में सत्तारूढ़ जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से उत्पन्न संकट के एक दिन बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि भाजपा कर्नाटक में हमारी सरकार गिराने के लिए हमारे विधायकों को मुंबई ले गई है. कर्नाटक में हुई राजनीतिक संकट के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में आजाद ने यहां मीडिया को बताया, 'प्रधानमंत्री जी (नरेन्द्र मोदी) कहते हैं - सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास. ये तो टेलीविजन पर बहुत अच्छी चीजें लगती हैं. लेकिन जमीन पर नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मैंने कहा था कि आपने (बीजेपी) हमारी सरकार हिमाचल प्रदेश में तोड़ दी. मणिपुर एवं गोवा में हमारे विधायकों को (सदन में) वोट नहीं देने दिया. बंगाल के विधायक ले जा रहे हो, आंध्रप्रदेश के विधायक ले जा रहे हो, गुजरात के विधायक ले जा रहे हो और अब आप कर्नाटक के विधायक ले जा रहे हो.' आजाद ने सवाल किया, 'इन सबका विश्वास कहां चला गया? और कहां है लोकतंत्र?' उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र पर तो हमारा विश्वास होता है, भरोसा होता है. पार्टी के चुनाव चिन्ह के आधार पर जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर देती है और अगर उसमें कोई भी बाहुबली ताकत वाला इस तरह से करे, तो क्या होगा.’’

12 बड़ी बातें

  1. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपनी 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार को बचाने की कवायद के तौर पर गठबंधन नेताओं से बातचीत कर रहे हैं लेकिन मुंबई में डेरा डाले हुए कांग्रेस-जद(एस) के असंतुष्ट विधायकों ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे.

  2. कर्नाटक की सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस सरकार शनिवार को गठबंधन के 13 विधायकों के अचानक इस्तीफा देने के बाद संकट में आ गई. इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा है और इसके एक दिन बाद दोनों पार्टियों के नेताओं ने सरकार को बचाने के लिए अगले कदम के बारे में लंबी चर्चा की. 

  3. दूसरी तरफ विपक्षी दल बीजेपी ने कहा कि वह घटनाक्रमों पर नजर रख रही है और उसने संकेत दिए कि पार्टी सरकार बनाने के विकल्पों पर विचार कर रही है.

  4. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 118 विधायक हैं. अगर इन विधायकों के त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार अल्पमत में आ सकती है.इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में से 10 मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं. 

  5. इस्तीफा देने वाले एक विधायक एस टी सोमशेखर ने मुंबई में कहा, ‘‘हम 10 विधायक यहां हैं, कुल 13 विधायकों ने अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है और राज्यपाल को सूचित कर दिया है. इस्तीफा देने वाले सभी 13 विधायक एक साथ हैं और इस्तीफा वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है.''

  6. इस्तीफा देने वाले अन्य विधायकों के साथ पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘तीन और विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्ना और आनंद सिंह कल हमारे साथ आएंगे.'' कांग्रेस के नेताओं ने उस होटल के बाहर प्रदर्शन किया जहां 10 असंतुष्ट विधायकों को ठहराया गया है. नेताओं ने भाजपा पर अन्य पार्टियों के विधायकों पर लालच देने का आरोप लगाया.

  7. अपने दस विधायकों के त्यागपत्र देने से सकते में आई कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई जिसमें मौजूदा सियासी चुनौतियों और 12 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा.कांग्रेस विधायकों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी गैरमौजूदगी को ‘‘गंभीरता'' से लिया जाएगा.    

  8. राजनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं. विधायक दल की बैठक में शामिल होने के बारे में पूछे गए सवाल पर सोमशेखर ने कहा कि उनके ऐसा करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि वे पहले ही अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं. 

  9. यह पूछे जाने पर कि अगर मुख्यमंत्री बदल जाता है तो वे अपना इस्तीफा वापस लेंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री को बदलने या किसी और को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है.'' 

  10. ऐसी खबरें हैं कि सरकार बचाने के विकल्प के तौर पर मुख्यमंत्री बदला जा सकता है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. खड़गे ने इसका खंडन करते हुए इसे ‘‘झूठी'' खबरें बताया जो सिर्फ पार्टी को विभाजित करने के लिए मीडिया द्वारा फैलायी जा रही हैं.    

  11. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में मालूम नहीं है और मैं चाहता हूं कि यह गठबंधन सरकार बनी रहे और सुचारू रूप से चले.'' उन्होंने कहा कि वह विधायकों से इस्तीफा वापस लेने के लिए बात करेंगे. खड़गे ने भाजपा पर देशभर में ‘‘गैर भाजपा'' निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.    

  12. ऐसी भी खबरें हैं कि अगर जद(एस) राजी होती है मुख्यमंत्री के लिए सिद्धरमैया के नाम पर विचार किया जा सकता है, इस पर जद(एस) नेता और मंत्री जी टी देवगौड़ा ने कहा, ‘‘अगर समन्वय समिति यह फैसला करती है कि सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री होना चाहिए तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.'