यह ख़बर 08 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'चीन के ब्रह्मपुत्र प्रोजेक्ट का प्रतिकूल असर नहीं'

खास बातें

  • अहमद ने बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह ऐसी पनबिजली परियोजना है जिसमें पानी का भंडारण नहीं होता है।
नई दिल्ली:

चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रहमपुत्र नदी पर निर्माण गतिविधि से अवगत होने का जिक्र करते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने यह सुनिश्चित किया है कि इस परियोजना से भारतीय नदी प्रवाह क्षेत्र में प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने कुमार दीपक दास के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह ऐसी पनबिजली परियोजना है जिसमें पानी का भंडारण नहीं होता है और इससे भारत में नदी के अनुप्रवाह क्षेत्रों में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित से जुड़े सभी घटनाक्रम पर सरकार की लगातार नजर है और इसकी रक्षा के लिए आवश्यक उपाय किए जाते हैं। अहमद ने कहा कि 2006 में चीनी राष्ट्रपति हू जिन्ताओ की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश सीमा पार नदियों पर एक विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने कहा कि इस तंत्र की अब तक पांच बैठकें हुई हैं। अहमद ने आरवी मोहिते पाटिल के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चीन यात्रा के दौरान दोनों पक्ष समग्र द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सीमा समाधान का पता लगाने के लिए एक एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने बताया कि अब तक विशेष प्रतिनिधियों की 14 बैठकें हुई हैं।


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