अरुणाचल प्रदेश में चीनी गांव के निर्माण पर बोले BJP MP - 'कांग्रेस और राजीव गांधी के फैसलों के चलते...'

सैटेलाइट तस्वीरों के सहारे एक्सपर्ट्स ने पुष्टि की है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत की ओर से निर्धारित सीमा के भीतर एक नया गांव बसाया है. बीजेपी सांसद तापिर गाओ पहले भी यह मुद्दा उठा चुके हैं.

अरुणाचल प्रदेश में चीनी गांव के निर्माण पर बोले BJP MP - 'कांग्रेस और राजीव गांधी के फैसलों के चलते...'

बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने अरुणाचल में चीनी निर्माण गतिविधियों का मुद्दा उठाया था.

नई दिल्ली:

अरुणाचल प्रदेश में चीन की ओर से एक गांव बनाए जाने की खबर ने चिंताएं खड़ी कर दी हैं. भारत की सीमाओं में चीनी घुसपैठ को लेकर अब सरकारों की नीतियों पर बहस की शुरुआत भी हो गई है. अरुणाचल में चीन की निर्माण गतिविधियों का मुद्दा उठा चुके भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाओ ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि चीन काफी वक्त से यहां पर निर्माण कर रहा है. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में तापिर गाओ ने कहा, '80 के दशक से ही चीन इस इलाके में घुसपैठ किए हुए हैं और ऐसे में गांव बसाने की बात कोई नई नहीं है. वो पहले ही मैक्मोहन लाइन के अंदर यानी भारत की सीमा के भीतर आने वाले बीसा और माज़ा में मिलिट्री बेस बना चुका है.'

गाओ ने आगे कहा, '80 के दशक से ही चीन यहां पर रोड बना रहे हैं. उन्होंने लौंगजू से माज़ा तक रोड बनाई है. राजीव गांधी के कार्यकाल में चीन ने तवांग में सुमदोरोंग चू वैली में घुसपैठ कर ली थी. तत्कालीन आर्मी चीफ ने इसके खिलाफ एक ऑपरेशन करने की योजना बनाई लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें चीनी सेना को खदेड़ने की अनुमति नहीं दी.'

गाओ ने कांग्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'कांग्रेस के कार्यकाल में सरकार की गलत नीतियां थीं. उन्होंने सीमा तक सड़कें नहीं बनाई, जिससे कि बीच में 3-4 किलोमीटर तक का बफर ज़ोन छूट गया और चीन इसे हथिया चुका है. नए गांवों का निर्माण कोई नई बात नहीं है. यह सब कांग्रेस के जमाने से हो रहा है.'

बता दें कि NDTV ने सोमवार को एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में कुछ सैटेलाइट तस्वीरें शेयर की थीं, जिसमें देखा जा सकता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बसाया है. 1 नवंबर, 2020 को ली गई इन तस्वीरों पर कई विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि यह गांव भारत के वास्तविक सीमा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना हुआ है. बता दें कि जो इमेज है, वो 1 नवंबर, 2020 की है. 26 अगस्त, 2019 की तस्वीर को देखें तो यहां पर कोई निर्माण कार्य नहीं दिखता है. तो इसका मतलब है कि यह निर्माण पिछले एक साल में किया गया है.

तापिर गाओ यह मुद्दा पहले लोकसभा में उठा चुके हैं. उन्होंने इलाके में चीनी निर्माण को लेकर चेतावनी भी दी थी. 

(ANI से इनपुट के साथ)

चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बसाया गांव, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
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