यह ख़बर 08 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हेलीकॉप्टर सौदा : सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के भाई से पूछताछ की

खास बातें

  • सीबीआई ने 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घोटाले के मामले में शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बागरोडिया के उद्योगपति भाई सतीश बागरोडिया से पूछताछ की जो इस कथित घोटाले में संदिग्ध मानी जा रही कंपनी आईडीएस इंफोटेक के चेयरमैन है
नई दिल्ली:

सीबीआई ने 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित घोटाले के मामले में शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बागरोडिया के उद्योगपति भाई सतीश बागरोडिया से पूछताछ की जो इस कथित घोटाले में संदिग्ध मानी जा रही कंपनी आईडीएस इंफोटेक के चेयरमैन हैं।

सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि सॉफ्टवेयर कंपनी आईडीएस इंफोटेक का नाम प्रारंभिक जांच में उन कंपनियों में से एक के तौर पर आया है जिसका इस्तेमाल कथित रूप से इंजीनियरिंग तथा अन्य करारों की आड़ में ट्यूनीशिया तथा मॉरीशस से रिश्वत का धन भेजने के लिए किया गया।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में आईडीएस इंफोटेक का नाम लिया है लेकिन सतीश बागरोडिया का नाम इसमें नहीं है।

सूत्रों ने कहा कि सतीश बागरोडिया से उनकी कंपनी के माध्यम से इटली के दलाल द्वारा रिश्वत के धन की कथित आवाजाही के बारे में पूछताछ की गयी।

सूत्रों ने दावा किया कि सतीश ने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वह कंपनी के दिन प्रतिदिन के कामकाज में दखल नहीं देते। उनकी कंपनी का कामकाज अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा बोर्ड के सदस्य देखते हैं।

इटली के अभियोजक द्वारा दाखिल की गयी रिपोर्ट में आईडीएस इंफोटेक का नाम सामने आया। इतालवी अभियोजक ने आरोप लगाया था कि भारत में दी जाने वाली रिश्वत की राशि को सॉफ्टवेयर से जुड़े कामकाज के नाम पर फर्जी वाउचरों के बहाने भेजा गया। कंपनी ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

रिपोर्ट में आरोप है कि आईडीएस इंफोटेक ने हेलीकॉप्टर कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के लिए सॉफ्टवेयर का काम करने के लिहाज से फर्जी बिल बनाए ताकि ट्यूनीशिया और मॉरीशस से कथित रिश्वत भेजी जा सके।

अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हेलीकॉप्टर सौदे का मामला उस समय जांच के घेरे में आया जब इसकी मूल इतालवी कंपनी फिनमेकेनिका के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया गया। फिनमेकेनिका कंपनी हेलीकॉप्टर का सौदा करने के लिए भारत में करीब 362 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में संदेह के घेरे में है।

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इस पूरे घटनाक्रम के बाद केंद्र सरकार ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया।