खास बातें
- अमित शाह, रामविलास पासवान और सुशील मोदी ने धन्यवाद दिया
- नीतीश के कदम के चलते सोनिया गांधी ने लालू प्रसाद से बातचीत की
- नीतीश की पार्टी जदयू विपक्ष के भारत बंद का हिस्सा नहीं होगी
पटना: नीतीश कुमार के नोटबंदी के समर्थन से बिहार की राजनीति में अचानक सरगर्मी पैदा हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर रामविलास पासवान और सुशील मोदी ने नीतीश कुमार के स्टैंड के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है. इस बीच नीतीश के कदम के बाद रविवार को महीनों बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव से लंबी बातचीत की. इससे पहले बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष को पार्टी आलाकमान ने निर्देश देकर लालू यादव से मुलाकात करने के लिए कहा.
नीतीश के शनिवार शाम के उस रुख के बाद कि उनकी पार्टी जदयू नोटबंदी के मुद्दे पर किसी भी विरोध या बंद का हिस्सा नहीं होगी तो रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित साह ने ट्वीट कर उन्हें धन्यवाद दिया. अमित शाह ने इस मुद्दे पर नोटबंदी और काला धन के खिलाफ प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के अभियान का समर्थन करने के लिए अलग-अलग ट्वीट कर धन्यवाद दिया.
जहां एक ओर अमित शाह का ट्वीट आया वहीं उसके बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी समस्तीपुर में कहा कि नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन कर साहस का कदम उठाया है. बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने नीतीश के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि उमीद करते हैं कि वो अपने सहयोगियों को भी इस मुद्दे पर समझाएंगे.
इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस पूरे मामले में ज्यादा राजनीति नहीं देखी जानी चाहिए. बीजेपी और उनके सहयोगियों के बयान पर नीतीश की प्रतिक्रिया तो पंजाब में उनके कार्यक्रम के कारण रविवार को नहीं मिल पाई लेकिन उनके बिहार पार्टी के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सफाई जरूर दी कि बीजेपी से अलग होने के मुद्दे आज भी कायम हैं इसलिए वापस बीजेपी के साथ जाने का कोई सवाल नहीं है.
इस बीच कांग्रेस पार्टी सोमवार को भारत बंद में भाग नहीं लेगी लेकिन इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन में जरूर भाग लेगी. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी बुधवार को पटना में धरना देंगी जहां पप्पू यादव भी उनके साथ होंगे. जनता दल यूनाइटेड ने पप्पू यादव के शामिल होने पर आपत्ति जाहिर की थी लेकिन तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अपनी पार्टी में अनंत सिंह, सुनील पांडेय, मुन्ना शुक्ल जैसे लोगों से नीतीश कुमार को कभी गुरेज नहीं रहा लेकिन पप्पू यादव अगर इस मुद्दे पर दीदी के समर्थन में आ रहे हैं तब जनता दल यूनाइटेड को मिर्ची क्यों लग रही है.