चीन अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ‘बलपूर्वक, हठधर्मी’ तरीके अपना रहा है : सीआईए

डोकलाम के मुद्दे पर भारत-चीन के बीच तनातनी के दौरान  अमेरिका की खूफिया एजेंसी सीआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी का बड़ा बयान आया है.

चीन अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ‘बलपूर्वक, हठधर्मी’ तरीके अपना रहा है : सीआईए

फाइल फोटो

खास बातें

  • चीन की हरकतों पर सीआईए की नजर
  • जापान के राजदूत ने उठाया भारत का मुद्दा
  • जापानी राजदूत ने कहा- चीन, अमेरिका से मुकाबला करना चाहता है
नई दिल्ली:

डोकलाम के मुद्दे पर भारत-चीन के बीच तनातनी के दौरान  अमेरिका की खूफिया एजेंसी सीआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी का बड़ा बयान आया है. अमेरिका की विदेशी मामलों की खुफिया सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने उद्दश्यों को हासिल करने के लिए  चीन  तेजी से ‘‘बलपूर्वक, हठधर्मी’’ तरीके अपना रहा है जैसा कि विवादित दक्षिण चीन सागर में देखा गया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी के ईस्ट एशियन मिशन सेंटर के उप सहायक निदेशक माइकल कोलिंस की टिप्पणी पेंटागन के कल दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उसने कहा था कि पूर्वी चीन सागर में रविवार को दो चीनी जे 10 लड़ाकू विमानों ने ‘असुरक्षित’ तरीके से अमेरिकी नौसेना के एक निगरानी विमान को बाधित किया था. चीन और अमेरिका के लंबे समय से सहयोगी रहे देश जापान, पूर्वी चीन सागर में द्वीपों की श्रंखला पर अपना-अपना दावा जताते हैं. सेनकाकू द्वीपों को लेकर कई बार तनाव बढ़ा है जिसपर चीन डायओयु द्वीप बताकर अपना दावा जताता है.

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चीन की हरकतों का किया जिक्र
चीन का दक्षिण चीन सागर में अपने अन्य पड़ोसी देशों से भी विवाद है. दक्षिण चीन सागर के कई हिस्सों पर ताइवान, मलेशिया, ब्रूनेई, वियतनाम और फिलीपीन भी अपना दावा जताते हैं. एस्पेन इंस्टीट्यूट्स की 2017 की सुरक्षा फोरम में कोलिंस ने कहा, ‘‘वे (चीन) अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बलपूर्वक, हठधर्मी तरीके अपना रहे हैं और इस कारण हमारे लिए यह ध्यान में रखना होगा कि उत्तर कोरिया, दक्षिण चीन सागर, व्यापार जैसे मुद्दे पर चीन किस तरह आगे बढ़ रहा है.’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि चीन के व्यवहार का ‘यह मतलब नहीं है’ कि अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं.

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जापान के राजदूत ने किया भारत का जिक्र
कोलिंस ने कहा, ‘वे पूर्वी एशिया में नकारात्मक परिस्थितियां नहीं चाहते तथा उन्हें अपने देश को आगे ले जाने के लिए आर्थिक जरूरतों तथा तकनीक के लिए अमेरिका एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ स्थिर, मजबूत संबंधों की जरूरत है.’ कोलिंस ने सिक्किम क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध का जिक्र नहीं किया.  

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'वे अमेरिका से मुकाबला करना चाहते हैं'
अमेरिका में जापान के राजदूत केनिचिरो सासा ने कहा, ‘हम इन दिनों अपने कुछ सहयोगी और मित्रों का नेटवर्क विकसित कर रहे हैं जिसमें आसियान तथा भारत भी शामिल है.’ उन्होंने कहा, ‘चीन की महत्वाकांक्षा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका से केवल बराबरी करने तक सीमित नहीं है. यह केवल आर्थिक महत्वकांक्षा के लिए नहीं है बल्कि कूटनीतिक महत्वकांक्षा है. वे अमेरिका से मुकाबला करना चाहते हैं.’

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इनपुट : भाषा से 
 


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