आरबीआई पर जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के नामों का खुलासा करने का दबाव बढ़ा

केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने आरबीआई को दिशानिर्देश जारी किए, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले लोगों के नाम बताने होंगे

आरबीआई पर जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के नामों का खुलासा करने का दबाव बढ़ा

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • आरबीआई का आदेश - 26 नवंबर तक आयोग को जवाब दें
  • सूचना आयोग ने एक नोटिस पीएमओ को भी दिया
  • पीएमओ से रघुराम राजन की चिट्ठी पर अपनी कार्रवाई की जानकारी मांगी
नई दिल्ली:

जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के नाम सार्वजनिक करने के मसले पर आरबीआई पर दबाव बढ़ता जा रहा है. इस विवादित मसले पर केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने आरबीआई को दिशानिर्देश जारी किए हैं.

केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने साफ कर दिया है कि रिजर्व बैंक को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले लोगों के नाम बताने होंगे. अब तक ये काम क्यों नहीं किया गया, इस पर आयोग आरबीआई को पहले ही शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है. अब ताज़ा आदेश में श्रीधर आचार्युलू ने आरबीआई को आदेश दिया है कि वे 26 नवंबर तक आयोग को जवाब दें.

यही नहीं, सूचना आयोग का एक नोटिस पीएमओ के लिए भी है. आयोग ने पीएमओ से कहा है कि वह रघुराम राजन की चिट्ठी पर अपनी कार्रवाई की जानकारी दे. इसके पहले जानकारी न देने के पीएमओ के फैसले को आयोग ने अवैध बताया. ये भी जानना चाहा है कि हाई प्रोफाइल डिफॉल्टरों से लोन वसूली की कोई नीति बनाई गई है या नहीं. आयोग ने रघुराम राजन की चिट्ठी में दी गई लिस्ट के नाम भी बताने को कहा है.

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एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए केंद्रीय सूचना आयुक्त ने साफ किया कि हर बैंक को डिफॉल्टरों की जानकारी देनी होगी. केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा,  "जो बैंक विलफुल डिफाल्टरों की लिस्ट खुद सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. ये ज़रूरी है...RTI कानून के तहत हर पब्लिक सेक्टर बैंक को डिफाल्टरों की लिस्ट सार्वजनिक करनी चाहिए...ये उनका दायित्व है."

VIDEO : देनी होगी डिफाल्टरों की जानकारी

आरबीआई RTI कानून के प्रावधानों का पालन सही तरीके से करे इसके लिए आयोग ने तीन संसदीय समितियों से सिफारिश भी की है कि वे इस बारे में आरबीआई की जवाबदेही तय करें.


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