नागरिकता संशोधन बिल: प्रशांत किशोर के बाद अब पवन वर्मा भी नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं

नागरिकता संशोधन बिल पर नीतीश कुमार पार्टी जेडीयू में अब एक सुर नहीं सुनाई दे रहे हैं. लोकसभा में जेडीयू ने सरकार का समर्थन किया है लेकिन अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने ट्वीटर पर नीतीश कुमार से अपील की है कि वह इस पर समर्थन करने के फैसले पर एक बार फिर से विचार करें.

नागरिकता संशोधन बिल: प्रशांत किशोर के बाद अब पवन वर्मा भी नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं

Citizenship Amendment Bill: लोकसभा में नीतीश कुमार की पार्टी ने

खास बातें

  • नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू बंटी
  • प्रशांत किशोर ने पहले जताई थी निराशा
  • अब पवन वर्मा ने की फिर विचार करने की अपील
नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन बिल पर नीतीश कुमार पार्टी जेडीयू में अब एक सुर नहीं सुनाई दे रहे हैं. लोकसभा में जेडीयू ने सरकार का समर्थन किया है लेकिन अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने ट्वीटर पर नीतीश कुमार से अपील की है कि वह इस पर समर्थन करने के फैसले पर एक बार फिर से विचार करें. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, 'मैं श्री नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि वह CAB (नागरिकता संशोधन बिल) को समर्थन करने के फैसले पर एक बार फिर विचार करें. यह बिल देश की एकता के खिलाफ है और पूरी तरह से असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण है. इसके अलावा यह जेडीयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ है. गांधी जी इस होते तो इसका पुरजोर विरोध करते.'

इसके पहले नीतीश कुमार के कभी सबसे नजदीक रहे जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने भी इस बिल को पार्टी को मिले समर्थन पर निराशा जताई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, यह देखकर काफी निराश हूं कि जेडीयू ने CAB (नागरिकता संशोधन बिल) का बिल का समर्थन किया है जो धर्म के आधार पर नागरिकता देने में भेदभाव करता है. उन्होंने आगे लिखा, 'यह बहुत ही बेतुका है क्योंकि पार्टी के संविधान में पहले ही पेज पर धर्मनिरपेक्ष शब्द दो बार आया है और हमारा नेतृत्व गांधावादी आदर्शों मार्गदर्शन लेता है.'

आपको बता दें कि सोमवार को लोकसभा में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है. पार्टी के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा, 'हम इस बिल का समर्थन करते हैं. इस बिल को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के आधार पर नहीं देखना चाहिए. अगर पाकिस्तान में सताए अल्पसंख्यकों को यहां नागरिकता मिलती है तो अच्छी बात है.  आपको बता दें कि जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने इस बिल के खिलाफ भाषण दिया था लेकिन अब उन्होंने इस मुद्दे पर यू टर्न लिया है. 


 

जेडीयू और शिवसेना दोनों दलों ने किया नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन​

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