नागरिकता संशोधन विधेयक को निकट भविष्य में अदालत में चुनौती दी जाएगी: सिंघवी

सिंघवी से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी, तो उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक ऐसा प्रस्तावित कानून है जो संवैधानिकता के मामले में "बेहद संदिग्ध" है.

नागरिकता संशोधन विधेयक को निकट भविष्य में अदालत में चुनौती दी जाएगी: सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को निकट भविष्य में अदालत में चुनौती दी जाएगी क्योंकि यह संवैधानिकता के लिहाज से "बेहद संदिग्ध" है. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया था कि विधेयक पारित होने पर पार्टी अदालत का रुख करेगी. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम सभी संभावनाएं तलाशेंगे. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाला नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पारित हो गया. लोकसभा सोमवार को ही इसे मंजूरी दे चुकी है. सिंघवी से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी, तो उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक ऐसा प्रस्तावित कानून है जो संवैधानिकता के मामले में "बेहद संदिग्ध" है.

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कांग्रेस प्रवक्ता व वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह चुनौती देने लायक है और निकट भविष्य में (अदालत में) चुनौती दी जाएगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने भी कहा कि विधेयक संविधान में निहित मौलिक विचारों पर एक "हमला" है और इस कानून का भाग्य उच्चतम न्यायालय में तय किया जाएगा. कांग्रेस के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने कहा कि विधेयक "असंवैधानिक" है और इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी जाएगी. इससे पहले दिन में कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल से जब यह पूछा गया कि विधेयक के पारित होने पर क्या कांग्रेस उच्चतम न्ययालय का दरवाजा खटखटाएगी तो उन्होंने कहा कि हम सभी संभावनाएं तलाशेंगे.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)