यह ख़बर 16 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'काले कपड़ों में साफ-सुथरे लोगों की है जरूरत'

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के आरोपों के माहौल में न्यायपालिका की छवि से चिंतित चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया ने कहा कि काले परिधान में साफ लोगों की जरूरत है।
New Delhi:

भ्रष्टाचार के आरोपों के माहौल में न्यायपालिका की छवि से चिंतित प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया ने कहा कि काले परिधान में साफ लोगों की जरूरत है। उन्होंने राजनीतिक वर्ग से भ्रष्ट न्यायाधीशों को संरक्षण नहीं देने के लिए भी कहा। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हमें उदाहरण पेश करना होगा। हमें काले परिधान में साफ लोगों की जरूरत है, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सत्यनिष्ठा बनी रहे। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को आत्मसंयम बनाए रखना चाहिए और वकीलों, राजनीतिक दलों, उनके नेताओं या मंत्रियों से संपर्क से बचना चाहिए और उच्चस्तरीय न्यायाधीशों को अपने से निचली अदालत के प्रशासनिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। कपाड़िया ने पांचवें एमसी सीतलवाड़ स्मारक व्याख्यान में कहा, किसी न्यायाधीश को अनिवार्य रूप से व्यापक समुदाय से थोड़ा अलग और परे रहना चाहिए। उन्हें वकीलों, लोगों या राजनीतिक दलों, उनके नेताओं या मंत्रियों से तब तक संपर्क में नहीं रहना चाहिए, जब तक कि कोई विशुद्ध रूप से सामाजिक मौके नहीं हो। संसद में महाभियोग कार्यवाही का सामना कर रहे वर्तमान न्यायाधीश पीडी दिनाकरन और सौमित्र सेन से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों की पृष्ठभूमि में प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल दीवान और पीपी राव ने भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायाधीशों के शामिल होने पर गंभीर चिंता जताई थी।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com