CBI के अंतरिम निदेशक के रूप में नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से CJI ने खुद को अलग किया

नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैर-सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज़' ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति मनमानी और गैरकानूनी है.

खास बातें

  • नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुनवाई
  • सीजेआई रंजन गोगोई ने खुद को किया अलग
  • अगली सुनवाई 24 जनवरी को
नई दिल्ली:

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi)  ने एम नागेश्वर राव एम नागेश्वर राव (M Nageswara Rao)को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. सीजेआई ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन कॉज' की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 24 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया है कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.

नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैर-सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज़' ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति मनमानी और गैरकानूनी है. याचिका के अनुसार नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का सरकार का पिछले साल 23 अक्टूबर का आदेश शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था. लेकिन सरकार ने मनमाने, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से कदम उठाते हुए पुन: यह नियुक्ति कर दी.

SC कॉलेजियम विवाद पर अब पूर्व CJI लोढ़ा ने भी उठाए सवाल, कहा- फैसला बदला जाए तो कारणों का भी हो खुलासा

याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून, 1946 की धारा 4ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच ब्यूरो का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्षकार के वकील ने उठाए जस्टिस ललित पर सवाल, CJI ने कहा- बनेगी नई बेंच, अगली सुनवाई 29 जनवरी को

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

10 जनवरी को आलोक वर्मा को जांच एजेंसी के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद सरकार ने नए निदेशक की नियुक्ति होने तक एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया है. 23 अक्तूबर, 2018 को सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को अवकाश पर भेजते समय एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया था.