अयोध्या पर फैसले से ठीक पहले CJI रंजन गोगोई आज यूपी के प्रधान सचिव और DGP से मिलेंगे

अयोध्या (Ayodhya) पर फैसले से ठीक पहले बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक CJI रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव और डीजीपी ओपी सिंह को मीटिंग के लिए बुलाया है.

अयोध्या पर फैसले से ठीक पहले CJI रंजन गोगोई आज यूपी के प्रधान सचिव और DGP से मिलेंगे

CJI रंजन गोगोई (फाइल फोटो)

खास बातें

  • आज दोपहर 12 बजे सीजेआई की बैठक
  • यूपी के प्रधान सचिव और डीजीपी को बुलाया
  • अयोध्या पर फैसले को लेकर कानून व्यवस्था पर होगी चर्चा
नई दिल्ली :

अयोध्या (Ayodhya) पर फैसले से ठीक पहले बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक CJI रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव और डीजीपी ओपी सिंह को मीटिंग के लिए बुलाया है. सूत्रों के मुताबिक यह मीटिंग दोपहर 12 बजे होनी है, जिसमें अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर राज्य का कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की संभावना है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद का अगले सप्ताह किसी दिन फैसला सुना सकता है. दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, उससे पहले ही फैसला आने की उम्मीद है. 

अयोध्या पर फैसले से पहले अलर्ट पर योगी सरकार, हर जिले में कंट्रोल रूम खोलने के निर्देश, हेलीकॉप्टर भी...

आपको बता दें कि अयोध्या जमीन विवाद पर फैसले के मद्देनजर उत्त्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट पर है.  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के आला अफसरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की और हर जिले में 24 घंटे एक विशेष कंट्रोल रूम खोलने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि लखनऊ और अयोध्या दोनों जगहों एक-एक हेलीकॉप्टर किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए तैयार रखा जाए. CM ने निर्देश दिए कि सभी धार्मिक स्थानों की सुरक्षा की जाए. साथ ही  सभी महत्वपूर्ण धर्म गुरुओं को विश्वास में लिया जाए और उनसे अपील की जाए कि वे अपने समाज के लोगों को सद्भाव बनाये रखने को कहें. 

अयोध्या मामले पर फैसले को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

इसके अलावा ज़िला स्तर पर मीडिया से बातचीत कर उनसे कहा जाए कि इससे जुड़ी खबर को सनसनी बनाने से परहेज़ करें. सीएम योगी ने कहा कि हर उस व्यक्ति से बात की जाए जिसकी समाज में पकड़ है. इनमें धर्म गुरु, वकील, छात्र नेता, व्यापारी और दूसरे लोग हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि फैसला आने पर न कोई जश्न मनाए और न ही कोई विरोध करे. इसके अलावा सोशल मीडिया की गहरी निगरानी की जाए, ताकि कोई अफवाह और नफरत न फैला सके. 

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अयोध्या मामले में फैसले से पहले अलर्ट जारी​