सासाराम:
बिजली बिल सुधरवाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत का भुगतान करने का दावा पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावे के खिलाफ जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गुरुवार को अपने बयान से पलट गए और कहा कि घटना पहले की अवधि की थी और धनराशि मिठाई के लिए दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार पर उनके कथन को 'तोड़-मरोड़कर' पेश कर रहा है।
मांझी ने मोहनिया विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार के लिए प्रचार पर रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, 'जिस घटना का मैंने उल्लेख किया वह वर्ष 1994 की है।' सहयोगी राजद 1994 में राज्य में सत्ता में थी और मांझी स्वयं उस समय लालू प्रसाद की पार्टी के सदस्य थे।
मांझी ने कहा, 'मैंने गया में अपने घर के बिजली बिल का भुगतान करने के लिए अपने पुत्र को पांच हजार रुपये दिए थे। उसने मुझे 3300 रुपये लौटाए। जब मैंने बिल देखा तो वह 1500 रुपये का ही था, मैंने उससे 200 रुपये के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसने वे पैसे अधिकारियों को मिठाई के लिए दे दिए जिन्होंने पुराने बिल का पता लगाने का कष्ट उठाया।'