यह ख़बर 11 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीओ हत्याकांड : नहीं मिले साक्ष्य, राजा भैया से अब तक पूछताछ नहीं

खास बातें

  • केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उत्तर प्रदेश के कुंडा के सीओ जिया उल हक व अन्य दो हत्याओं की जांच में लगातार जुटी हुई है, लेकिन फिलहाल अभी तक सीबीआई को घटना के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
लखनऊ:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उत्तर प्रदेश के कुंडा के सीओ जिया उल हक व अन्य दो हत्याओं की जांच में लगातार जुटी हुई है, लेकिन फिलहाल अभी तक सीबीआई को घटना के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

पिछले चार दिनों से कुंडा में डेरा डाल चुकी सीबीआई की टीम ने स्थानीय पंचायत कार्यालय में अपना शिविर कार्यालय खोल लिया है तथा घटना की पड़ताल कर रही है। सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को सीओ का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने जिया उल हक की कॉल डिटेल की पड़ताल के आधार पर उन्हें घटना के दिन फोन करने वाले कुछ स्थानीय पत्रकारों से भी पूछताछ की।

कहा जा रहा है कि तिहरे हत्याकांड में अब तक गिरफ्तार राजीव सिंह और गुड्डू सिंह को पुलिस अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।

साक्ष्य जुटाने में प्रयासरत सीबीआई को अभी तक न तो कोई सबूत हाथ लगा है और न ही कोई गवाह मिला है। यहां सीबीआइ को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो अभियुक्तों के घर-परिवार के लोग फरार हो गए हैं तो दूसरी तरफ पूरे वलीपुर गांव के पुरुष लापता हो गए हैं।

जो लोग सीबीआई को मिले भी, वह राजा भैया के बारे में अपनी जुबान नहीं खोल रहे हैं। ऐसे में रविवार को सीबीआई ने अपील जारी कर ग्रामीणों से सहयोग मांगा था।
 
सीबीआई ने रविवार को एक टेलीफोन नम्बर (05341-230006) और एक ई-मेल (एसपीएससीयू1डीईएल एट सीबीआई डॉट जीओवी डॉट आईएन) जारी कर लोगों से केस के संबंध में जानकारी मुहैया कराने की अपील की थी।

फिलहाल पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से अभी तक पूछताछ नहीं हुई है, जिन्होंने हत्या में नाम आने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम ने आज शाम कुंडा से लखनऊ आकर उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था) अरुण कुमार और पुलिस महानिदेशक अंबरीश चंद्र शर्मा से मुलाकात कर घटना के बारे में जानकारी ली।

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गौरतलब है कि विगत दो मार्च को वलीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद गांव में जमकर हंगामा हुआ था। इसी दौरान ग्राम प्रधान के भाई रमेश और बवाल को रोकने गए सीओ जिया उल हक की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।