कोल मामले पर सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस का मनमोहन की चौखट तक मार्च

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री का हर हाल में बचाव करने का फैसला लिया है। कांग्रेस का मानना है कि मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन में जो कुछ भी किया वह सही था और उनकी ईमानदारी और निष्पक्षता पर शक नहीं किया जा सकता।

सोनिया गांधी के नेतृत्व में मनमोहन सिंह के समर्थन में आज कांग्रेस हेड क्वार्टर से (24 अकबर रोड से) मनमोहन सिंह के घर तक (तीन मोती लाल नेहरू मार्ग) तक पार्टी के नेताओं ने मार्च निकाला। पार्टी दिखाना चाहती है कि वह मनमोहन सिंह के साथ एकजुट होकर खड़ी है। इस मार्च में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य और लोकसभा और राज्यसभा के तमाम सांसद मौजूद थे।सोनिया गांधी ने मार्च के दौरान कहा कि हमें मनमोहन की ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। पार्टी पूरी तरह मनमोहन के साथ है। हम कानून के जरिये अपनी लड़ाई लड़ेंगे।

इसके अलावा कांग्रेस ने आज ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की बैठक भी बुलाई है। बैठक में सभी सांसद शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह को कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से देश के सबसे ईमानदार लोगों में एक बताया है। पार्टी का कहना है कि ओडिशा के तालावीरा 2 और 3 में हिंडाल्को को 15 फीसदी की हिस्सेदारी देने के मामले में सीबीआई जांच कर चुकी है और इसे निष्पक्ष और पारदर्शी बताया है। पार्टी कोल ब्लॉक की नीलामी के बारे में कानून बनाने में हुई देरी के लिए विपक्ष को जिम्मेवार मानती है।

कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि जब यह नियम बनना था तब पांच मुख्यमंत्रियों ने चिट्ठी लिख कर इसका विरोध किया था।

सोनिया गांधी के मनमोहन सिंह का बचाव करने के कई कारण हैं 2009 में पहली बार सोनिया ने मनमोहन सिंह को पीएम उम्मीदवार घोषित किया था। इससे पहले 2002 में जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती के साथ सरकार बनाने के लिए समझौता करने के लिए मनमोहन सिंह को भेजा गया था। शरद पवार को यूपीए में पहली बार शामिल करने के लिए सोनिया के दूत मनमोहन सिंह ही थे।

उधर एनसीपी के शरद पवार ने कहा, मनमोहन सिंह जैसे सम्मानित शख्स की ईमानदारी को हम सब जानते हैं, लेकिन उनको भी हालात का सामना करना पड़ेगा। हमें अदालत का सम्मान करना चाहिए।

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कांग्रेस के साथ विपक्ष खासकर बीजेपी के भी कई बड़े नेता मनमोहन सिंह की ईमानदारी पर अंगुली नहीं उठा रहे हां कांग्रेस पर जरूर निशाना साध रहे हैं। मगर सोनिया गांधी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह मनमोहन सिंह के साथ इतने सालों के रिश्तों को इस नाजुक मौके पर निभाना चाहती हैं, क्योंकि मनमोहन नरसिम्हा राव नहीं हैं।

(इनपुट्स एनडीटीवी इंडिया से भी)