कोका कोला, पेप्सी को मद्रास हाईकोर्ट से राहत, इस्तेमाल कर सकेंगी तमीरापरानी नदी का पानी

कोका कोला, पेप्सी को मद्रास हाईकोर्ट से राहत, इस्तेमाल कर सकेंगी तमीरापरानी नदी का पानी

विरोध-प्रदर्शनों के बाद चार महीने पहले दोनों कंपनियों द्वारा नदी के पानी का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई थी

चेन्नई:

शीतय पेय निर्माता कंपनियों कोका कोला और पेप्सी को राहत देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि इन कंपनियों को तमिलनाडु की तमीरापरानी नदी का पानी इस्तेमाल करने से नहीं रोका जाएगा. दरअसल, राज्य में हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद चार महीने पहले इन दोनों कंपनियों द्वारा नदी के पानी का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था पेप्सी और कोक वाणिज्यिक लाभ के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करती हैं, जबकि इस वजह से हज़ारों किसानों को नुकसान हो रहा है. दूसरी ओर कंपनियों ने दावा किया था कि तिरुनेलवेली जिले में वे सिर्फ वही पानी इस्तेमाल करती हैं, जो अतिरिक्त होता है.

वर्ष 2015 में कंपनियों द्वारा नदी के पानी का प्रयोग किए जाने के विरुद्ध हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए थे. कोक और पेप्सी ने आरोप लगाया था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. कंपनियों के अनुसार, उनके प्लांट सरकारी इंडस्ट्रियल एस्टेट का हिस्सा हैं, और नदी के पानी की आपूर्ति वहां सभी उद्योगों को की जा रही है.

याचिकाकर्ता डीए प्रभाकर ने कोर्ट में कहा था कि नदी से दो जिलों में पेयजल तथा सिंचाई के पानी की आपूर्ति होती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में तमिलनाडु सरकार ने कोका कोला से जुड़ी कंपनियों को प्रतिदिन नौ लाख लिटर पानी नदी से निकालने की अनुमति दी थी, और बाद में उसे दोगुना कर दिया गया था. याचिका के अनुसार, कंपनियों से प्रति एक हज़ार लिटर पानी के लिए सिर्फ 37.50 रुपये की कीमत वसूली जा रही है.


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