यह ख़बर 13 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नेहरू के जरिये कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश

कांग्रेस अधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच विचारधारा की लड़ाई फिर तेज़ हो गई है। गुरुवार को कांग्रेस ने नेहरू जयंती पर कार्यक्रम की पहल एक दिन पहले कर दी।  दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पर कांग्रेस के हज़ारों कार्यकर्ताओं  को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। राहुल गांधी ने कहा, ''जो गुस्सा फैलाने वाले लोग देश को चला रहे हैं उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी को बंद करो...(हर जगह) हिंदी होनी चाहिए।

तालकटोरा स्टेडियम में अरसे बाद कांग्रेसी इतने उत्साहित दिखे। स्टेडियम पार्टी कार्यकर्ताओं से पूरी तरह भरा हुआ था। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125 जयंती से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने पुरखों को याद किया। दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, " 'फोटो ऑप' हो रही है. सबलोग सड़क साफ कर रहे हैं। और दूसरी तरफ ज़हर फैलाया जा रहा है। इसके खिलाफ सिर्फ कांग्रेस लड़ सकती है"।

राहुल ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार ने बड़े−बड़े वायदे किए गए हैं लेकिन ज़मीन पर कुछ काम नहीं हो रहा है।

मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर नेहरू की विरासत को कमज़ोर करने का आरोप लगाया। सोनिया ने कहा, आज हमें ये संकल्प लेकर यहां से जाना है कि हम उन विचारधाराओं, व्यक्तियों का मुकाबला करें जो नेहरु जी के उदार भारत की इमारत को तहस−नहस करना चाहते हैं।

एनडीटीवी संवाददाता हिमांशु शेखर से बातचीत में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संवेदनशील मसलों पर दोहरा रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा पीएम देश से बाहर जाकर कहते हैं कि किसी दंगा करने वाले को किसी धर्म से जोड़ा नहीं जा सकता है। अगर पीएम इस बात को लेकर ईमानदार हैं तो जो मंत्री केन्द्र सरकार में दंगा−फसाद के आरोपी हैं, उन्हें कैबिनेट से निकाल दें। जिन नेताओं ने कहा कि मोदी−विरोधियों को पाकिस्तान जाना चाहिए उन्हें मंत्रिमंडल से निकालें। तभी हम उनपर भरोसा करेंगे।

दिग्विजय ने दावा किया कि नेहरू पर 17−18 अक्टूबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में एनडीए पार्टियों को इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वो नेहरू की विचारधारा में विश्वास नहीं करते।

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लेकिन, सवाल है क्या नेहरू का जादू कांग्रेस में कोई नई जान फूंक पाएगा, इस कायर्क्रम के ज़रिए कांग्रेस ने बीजेपी को एक जवाब देने की कोशिश की है लेकिन सवाल बचे हुए हैं।