'...ऐसा पहली बार हुआ है', कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने RBI के ऐलानों का किया गुणाभाग

कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के ऐलान के बाद सरकार की कोशिश है कि आर्थिक गतिविधियां बंद होने का असर आम जनता पर न पड़े. गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 लाख 70 हजार के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है.

'...ऐसा पहली बार हुआ है',  कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने RBI के ऐलानों का किया गुणाभाग

RBI के ऐलानों से FD पर मिलने वाला रिटर्न निगेटिव हो जाएगा : गौरव वल्लभ

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के ऐलान के बाद सरकार की कोशिश है कि आर्थिक गतिविधियां बंद होने का असर आम जनता पर न पड़े. गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 लाख 70 हजार के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. वहीं आज रिजर्व बैंक ने भी कई दरों को कम करते हुए EMI में सहूलियत देने का ऐलान किया है. लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आरबीआई के फैसले का गुणा गणित कर तीन बातेंं कही हैं. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट माने वह दर जिस पर आरबीआई कॉमर्सियल बैंकों को लोन देता उसे .75 बेसिस प्वाइंट कम कर दिया है. इससे निश्चित रूप से बैंक उद्योग लगाने वाले और रिटेल कर्ज लेनदारों को सस्ते दर पर लोन दे सकेंगे. लेकिन इसका असर यह होगा कि जिन लोगों ने फिक्सड डिपोजिट कर रखा है उनको मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा.  इसके आगे उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने इस बार जीडीपी यानी विकास दर का भी आकलन नहीं किया है क्योंकि ऐसा लगता है कोई कहता है कि 2 फीसदी कम होगी कोई कहता है 3 फीसदी है और महंगाई भी बढ़ेगी. तो पेंशन भोगियों और मिडिल इनकम ग्रुप को रिटर्न निगेटिव होगा. इसके अलावा RBI ने सभी EMI पर रोक लगाने है लेकिन अभी यह टर्म लोन पर ही है. लेकिन मैं चाहता हूं कि इसे सभी तरह के लोन चाहे वह कृषि लोन हो या कर्मशियल लोन हो सभी तरह के लोन पर लागू किया जाए.

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आरबीआई के ऐलान

  1. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी बैठक तय समय 31 मार्च, एक, तीन अप्रैल के बजाय 24, 26, 27 मार्च को पहले कर दी.  रेपो दर 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.40 प्रतिशत की गई. 
  2. रिवर्स रेपो दर 0.90 प्रतिशत घटाकर 4 प्रतिशत रह गई.  इससे बैंकों के लिये रिजर्व बैंक में नकदी रखना आकर्षक नहीं रह जायेगा यानी उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी. 
  3. एमपीसी ने जब तक जरूरी लगेगा मौद्रिक नीति के रुख को उदार बनाये रखने का फैसला किया. रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का फैसला समिति में 2 के मुकाबले 4 के बहुमत से हुआ. हालांकि, नीतिगत दर में ठीकठाक कटौती को लेकर समिति के सदस्य एकमत थे. एमपीसी के दो सदस्य चेतन घाटे और पामी दुआ ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत कटौती के पक्ष में थे.
  4. अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने के लिये नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की कटौती समेत अन्य कदम उठाये गये. सीआरआर एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत किया गया.  इससे बैंकों के पास 1.37 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी.
  5. आरबीआई ने कहा कि वह मिशन के रूप में काम करेगा, वित्तीय बाजार और उभरती वृहद आर्थिक स्थितियों पर नजर. एमपीसी ने पहली बार अपनी बैठक तय तिथि से पहले की. उसने मौजूदा परिवेश को ध्यान में रखते हुये अगली बैठक की तिथि भी नहीं बताई.
  6. कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को देखते हुये 2019-20 में 5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर हासिल करना मुश्किल. वैश्विक नरमी और गहराएगी, भारत पर प्रतिकूल प्रभाव, कच्चे तेल के दाम में गिरावट देश के लिये राहत. खाद्यान्न के रिकार्ड उत्पादन से खाद्य वस्तुओं के दाम और नरम होंगे. 
  7. एमपीसी ने अनिश्चित माहौल को देखते हुए अगले वित्त वर्ष के वृद्धि, मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर कुछ नहीं कहा. आरबीआई ने सभी वित्तीय संस्थानों को कर्ज की किस्त (ईएमआई) पर तीन महीने की रोक लगाने को अनुमति दी. कार्यशील पूंजी पर ब्याज के भुगतान पर भी तीन महीने की रोक की अनुमति. 
  8. कर्ज की किस्त लौटाने और कार्यशील पूंजी पर ब्याज नहीं देने को लेकर उसे चूक की श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा.  वित्तीय स्थिरता बनाये रखने औेर आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिये परंपरागत और गैर-परंपरागत सभी उपायों पर गौर किया जाएगा.  आरबीआई ने आश्वस्त किया कि देश में बैंक प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित, निजी बैंकों में जमा पूरी तरह सुरक्षित, लोग घबराकर बैंकों से पैसा न निकालें. 
  9. आरबीआई ने कहा कि वृहत आर्थिक बुनियाद 2008 में वित्तीय बाजार संकट की स्थिति की तुलना में मजबूत. एमपीसी की आज हुई बैठक का ब्योरा 13 अप्रैल को प्रकाशित किया जाएगा. (इनपुट : भाषा से भी