नई शिक्षा नीति पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 'राजनीति विज्ञान' को लेकर पूछा सरकार से सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने शिक्षा नीति में बदलाव पर राजनीति विज्ञान को लेकर सवाल पूछा है.

नई शिक्षा नीति पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 'राजनीति विज्ञान' को लेकर पूछा सरकार से सवाल

जयराम रमेश राज्यसभा सांसद हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • शिक्षा नीति में अहम बदलाव
  • 34 साल बाद किए गए बदलाव
  • जयराम रमेश ने पूछा सरकार से सवाल
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बीते दिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने बुधवार को कहा कि कैबिनेट बैठक में आज नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है. शिक्षा नीति में बदलाव को लेकर विपक्षी दल केंद्र से सवाल भी कर रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने राजनीति विज्ञान को लेकर सवाल किया है.

जयराम रमेश ने कुछ देर पहले ट्वीट किया, 'एक बात मेरे लिए स्पष्ट नहीं है कि नई शिक्षा नीति में क्या संपूर्ण राजनीति विज्ञान अभी भी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा है या नहीं?'

नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. अब 5वीं कक्षा तक की शिक्षा मातृभाषा में होगी. हायर एजुकेशन के लिए (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर) सिंगल रेगुलेटर रहेगा. उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 प्रतिशत GER पहुंचाने का लक्ष्य है. साथ ही अब चार साल का डिग्री प्रोग्राम, फिर एमए और उसके बाद बिना एम फिल के सीधे पीएचडी कर सकते हैं.

नई शिक्षा नीति की घोषणा, सरकार ने स्कूल और उच्च शिक्षा में किए बड़े बदलाव

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था. उन्हें उम्मीद है कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 फीसदी सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एक से ज्यादा प्रवेश/एग्जिट का प्रावधान शामिल है. ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे. वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) बनाया जा रहा है.

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