यह ख़बर 30 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बलात्कारियों को नंपुसक बनाने वाले कानून की मांग कर सकती है कांग्रेस

खास बातें

  • कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के लिए एक कड़े कानून का प्रस्ताव करने का निर्णय किया है, जिसमें बलात्कार के दुलर्भ मामलों में दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का प्रावधान शामिल हो सकता है।
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार पीड़ित की मौत को लेकर आक्रोश के बीच कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के लिए एक कड़े कानून का प्रस्ताव करने का निर्णय किया है, जिसमें बलात्कार के दुलर्भ मामलों में दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का प्रावधान शामिल हो सकता है।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेसी विधेयक का अंतिम मसौदा न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के नेतृत्व वाली उस समिति को सौंपा जाएगा, जिसका गठन केंद्र सरकार ने 16 दिसबर की दहला देने वाली घटना के बाद किया है। हालांकि कानून का मसौदा अभी तैयार नहीं हुआ है। इस कड़े कानून के कुछ प्रावधानों में बलात्कार के दोषियों को 30 वर्ष तक की सजा और ऐसे मामलों में तीन महीने में निर्णय करने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करना शामिल है।

कानून के प्रावधानों पर चर्चा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में गत 23 दिसंबर को हुई थी, जब उन्होंने सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के एक समूह के साथ बैठक की थी। सोनिया गांधी नीत राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के इस पूरे प्रयास में शामिल रहने की संभावना है, जिसने आरटीआई जैसे कई महत्वपूर्ण कानूनों का मसौदा तैयार किया है और उसे तैयार करने में मदद की है।

सूत्रों ने कहा कि कृष्णा तीरथ के नेतृत्व वाले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गत शुक्रवार को इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों से लंबी बैठक की थी, जिसके दौरान कई सुझाव सामने आए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिले सुझावों का सारांश तैयार करके न्यायमूर्ति वर्मा के नेतृत्व वाली तीन-सदस्यीय समिति को सौंपेगे, जिसका गठन वर्तमान कानूनों की समीक्षा करने के वास्ते सिफारिशें करने के लिए किया गया है, ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर प्रभावी तरह से रोक लगाई जा सके।

सूत्रों ने कहा, अभी तक कोई सरकारी मसौदा नहीं है। हम सारांश, जो जेएस वर्मा समिति को सौंपेंगे, वह पहला लिखित दस्तावेज होगा, जिस पर नया कानून आधारित होगा। सोनिया ने 10, जनपथ स्थित अपने आवास पर प्रदर्शनकारियों से बैठक के दौरान बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने का समर्थन किया था, जिसमें 90 दिन में फैसला सुनाने की शर्त हो।

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वहीं रेणुका चौधरी ने यह कहते हुए बलात्कार दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का कड़ा समर्थन किया था कि ऐसी सजा विभिन्न देशों में पहले से लागू है और इससे इस तरह के अपराधों पर प्रभावी रोक लगाने में काफी हद तक सफलता मिली है।