असम सरकार की भूमि नीति के खिलाफ विधानसभा के भीतर जमीन पर लेट गए कांग्रेस विधायक

विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ, जाकिर हुसैन सिकदर और शर्मन अली सदन के अंदर जमीन पर बिछे लाल कालीन पर लेट गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

असम सरकार की भूमि नीति के खिलाफ विधानसभा के भीतर जमीन पर लेट गए कांग्रेस विधायक

विधानसभा में फर्श पर लेटे कांग्रेस विधायक

खास बातें

  • विधायकों ने कहा-परिभाषित नहीं मूल निवासी
  • सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
  • मूल निवासी के लिए ब्रह्म समिति की रिपोर्ट का दिया हवाला
गुवाहाटी:

असम सरकार (Assam Government) की भूमि नीति (Land Policy) के खिलाफ राज्य विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने जमीन पर लेटकर प्रदर्शन किया. विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ, जाकिर हुसैन सिकदर और शर्मन अली सदन के अंदर जमीन पर बिछे लाल कालीन पर लेट गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शर्मन अली ने समाचार एजेंसी ANI से कहा,  "असम सरकार ने इस वर्तमान सत्र के दौरान एक नई भूमि नीति पेश की है. इस नीति में, भूमि केवल मूल निवासियों  को दी जाएगी, लेकिन मूल निवासियों की कोई परिभाषा नहीं है ... ब्रह्म समिति की रिपोर्ट में मूल निवासी लोगों को उन लोगों को बताया गया है जिनके नाम 1951 की एनआरसी में है." 

उन्होंने कहा, "अधूरा एनआरसी मूल निवासियों का आधार कैसे हो सकता है. मैं इस मुद्दे को विधानसभा में उठाना चाहता हूं, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई. इसलिए, मैंने विरोध किया और साढ़े तीन घंटे तक हड़ताल पर रहा. "

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बता दें इससे पहले मंगलवार को मरियानी निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी (Congress MLA Rupjyoti Kurmi) ने  कैचर और जगरोड में दो पेपर मिलों के निजीकरण के सरकार के कदम के खिलाफ अपनी हथेली काट ली थी.  इतना ही नहीं उन्होंने  राज्य सरकार का विरोध जताते हुए एक सफेद कागज पर खून से नारे भी लिखे. कुर्मी ने मीडिया  से कहा, "निजीकरण के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन सरकार ने विरोध प्रदर्शनों पर ध्यान नहीं दिया है. सरकार के रवैये ने मुझे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया. यह सरकार के लिए एक संदेश है कि आने वाले दिनों में पेपर मिल के लिए विरोध प्रदर्शन भयंकर होगा."