कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का केंद्र सरकार को सुझाव- खजाने का ताला खोलिए और जरूरतमंदों को राहत दीजिए

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को जनता और बीजेपी को लेकर एक वीडियो संदेश साझा किया है. इस दौरान उन्होंने कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश में चुनौतियों का सामना करने वाले देश के तमाम लोगों को संदेश दिया.

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को जनता और बीजेपी को लेकर एक वीडियो संदेश साझा किया है. इस दौरान उन्होंने कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश में चुनौतियों का सामना करने वाले देश के तमाम लोगों को संदेश दिया. उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. सोनिया गांधी ने कहा, ''मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस जाने को मजबूर हो गए. उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं.''

उन्होंने आगे कहा, ''करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं. यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ.''

वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के सब साथियों ने, अर्थ-शास्त्रियों ने, समाज-शास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है. न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है.''

सोनिया गांधी ने कहा, ''इसलिए, कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज बुलंद करने का यह सामाजिक अभियान चलाना है. हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरत मंदों को राहत दीजिये. हर परिवार को छः महीने के लिए 7,500 रुपए प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10,000 रुपए फौरन दें.''

उन्होंने आगे कहा, ''मज़दूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर घर पहुंचाएं और उनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम भी करें और राशन का इंतजाम भी करें. महात्मा गांधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससें गांव में ही रोज़गार मिल सके. छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिये, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो.''

अपने संदेश के आखिर में सोनिया गांधी बोलीं, ''आज इसी कड़ी में देशभर से कांग्रेस समर्थक, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे है. मेरा आपसे निवेदन है कि आप भी इस मुहिम में जुड़िए, अपनी परेशानी साझा कीजिए ताकि हम आपकी आवाज को और बुलंद कर सकें. संकट की इस घड़ी में हम सब हर देशवासी के साथ हैं और मिलकर इन मुश्किल हालातों पर अवश्य जीत हासिल करेंगे. जय हिंद!''

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