कांग्रेस का सवाल, 'चीन मामले में जब रक्षा मंत्री ने बयान दिया तो सदन में मौजूद क्‍यों नहीं थे PM मोदी'

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लोकसभा में उसके नेता सीमा पर तैनात जवानों के सम्मान में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया. इसके साथ ही पार्टी ने सरकार पर चर्चा से डरने का भी आरोप लगाया

कांग्रेस का सवाल, 'चीन मामले में जब रक्षा मंत्री ने बयान दिया तो सदन में मौजूद क्‍यों नहीं थे PM मोदी'

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले, चीन मामले में सरकार चर्चा से डर रही है

खास बातें

  • कहा, हमें सीमा पर तैनात जवानों के सम्‍मान में बोलने नहीं दिया गया
  • चीन से जुड़े मामले में चर्चा से डर रही है सरकार
  • राजनाथ के प्रस्‍ताव रखने के समय पीएम का सदन में होना चाहिए था
नई दिल्ली:

India-china Standoff: चीन के साथ गतिरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के बयान के बाद कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में उसके नेता सीमा पर तैनात जवानों के सम्मान में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया. इसके साथ ही पार्टी ने सरकार पर चर्चा से डरने का भी आरोप लगाया और सवाल खड़ा किया कि जब रक्षा मंत्री ने यह वक्तव्य दिया और जवानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए प्रस्ताव की बात की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सदन में मौजूद क्यों नहीं थे?

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदीजी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया.''उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा. लेकिन मोदीजी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत.''लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद आसन से बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वाकआउट किया और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.कुछ सांसदों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थी जिन पर ‘मन की बात बहुत सुनी, अब चीन की बात हो' लिखा हुआ था.

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लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir ranjan chowdhury) ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए देश सर्वोच्च है. हमारी सेना का हौसला और बहादुरी हमारे लिए गर्व का विषय होता है. जब सदन में लद्दाख का जिक्र करते हुए सरकार की तरफ से बात रखी गई तो हमने अपने जवानों के प्रति सम्मान जताने के लिए एक मिनट का समय मांगा.''
उन्होंने दावा किया, ‘‘सवाल बहुत हैं, लेकिन हम जानते हैं कि सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है. कांग्रेस नेता के मुताबिक, 1962 के युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चर्चा पर सहमति दी थी और संसद में चर्चा हुई. ‘‘लेकिन इस सरकार ने हमारा कोई निवेदन नहीं माना.''

चौधरी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि सरकार हमारे सवालों से डरती है.''उन्होंने सवाल किया, ‘‘राजनाथ सिंह ने सदन में जवानों के सम्मान में प्रस्ताव रखा तो प्रधानमंत्री को सदन में होना चाहिए था. वह सदन में मौजूद क्यों नहीं थे?''चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से डरती है क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं है.कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रक्षा मंत्री से सवाल किया, ‘‘चीन ने हमारी सरज़मीं पर क़ब्ज़े का दुस्साहस कैसे किया? मोदी जी ने चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ न करने बारे गुमराह क्यों किया? चीन को हमारी सरज़मीं से वापस कब ख़देड़ेंगे?चीन को लाल आंख कब दिखाएंगे?''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)