NRC के मुद्दे पर पार्टी के रुख से कांग्रेस कुछ नेता खुश नहीं, आज कार्यसमिति की बैठक में उठ सकता है मुद्दा

आज होने वाली इस बैठक में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है.

NRC के मुद्दे पर पार्टी के रुख से कांग्रेस कुछ नेता खुश नहीं, आज कार्यसमिति की बैठक में उठ सकता है मुद्दा

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक राहुल गांधी के घर पर होगी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राहुल गांधी के घर पर है बैठक
  • कई मुद्दों पर होगी चर्चा
  • दो हफ़्ते के अंदर दूसरी बार बैठक
नई दिल्ली:

सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि  कांग्रेस  ने एनआरसी के मुद्दे पर जिस तरह से रुख अपनाया है उससे पार्टी के ही कुछ नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनको लगता है कि इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है.वहीं कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक होगी जिसमें राफेल डील, NRC और मोदी सरकार के दौरान नौकरियों की स्थिति पर चर्चा होगी. दो हफ़्ते के अंदर दूसरी बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है. इस बैठक में एनआरसी को लेकर रणनीति की भी चर्चा हो सकती है. पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि असम में NRC बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और पार्टी के मौजूदा रुख से बीजेपी को ही फ़ायदा हो सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर यह बैठक होगी.  एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस ने जमकर आलोचना की है. पार्टी ने कहा कि सरकार ने इस पर काफी आलसी रुख अपनाया है जिससे असम में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है. गौरतलब है कि एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद 40 लाख लोग अवैध घोषित हो गये हैं. 

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आपको बता दें कि कांग्रेस कार्यसमित पार्टी के सभी बड़े फैसले लेती है. आज होने वाली इस बैठक में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है. पिछले महीने ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें राहुल गांधी को सभी फैसले लेने के लिये अधिकार दिया गया था. इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि एक समिति बनाई जाएगी जो गठबंधन पर चर्चा करेगी. 

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वहीं सूत्रों के हवाले खबर मिली है कि कांग्रेस ने तय किया है  कि फिलहाल पूरा ध्यान विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर नरेंद्र मोदी को हराने पर लगाया जाएगा और प्रधानमंत्री पद के बारे में निर्णय चुनाव नतीजे आने के बाद होगा. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है.    

 


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