श्री श्री के कार्यक्रम के लिए सेना के इस्‍तेमाल पर जारी है विवाद

श्री श्री के कार्यक्रम के लिए सेना के इस्‍तेमाल पर जारी है विवाद

नई दिल्ली:

दिल्ली में यमुना नदी के किनारे एनजीटी के आदेश के बाद आर्ट ऑफ लिविंग का विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम होने जा रहा है लेकिन विवाद है कि इसका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर सेना ने एक निजी कार्यक्रम के लिये जो दो तैरता हुआ पुल बनाया है उससे उठा विवाद शांत नही हो रहा है।

राज्यसभा में शून्यकाल में इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ। जेडीयू के शरद यादव और कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने ये मुद्दा उठाया। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने तो यहां तक कहा कि एक निजी कार्यक्रम के लिये सेना का इस्तेमाल पूरी तरह गलत और नियमों के खिलाफ है।

सरकार की ओर से पहले कहा गया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सदन में इस पर जबाब देंगे लेकिन वो कुछ नहीं बोले। बाद में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इसमें कोई भी नियम तोड़ा नहीं गया है। सेना ने एक बार फिर साफ किया कि उसने तो बस रक्षा मंत्रालय के आदेश का पालन किया है। अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह किया है।

सरकार के सूत्रों ने बेवजह इस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक 2007 में ग्रीस के संगीतकार यानी ने आगरा में ताजमहल के पास यमुना नदी के किनारे जो कार्यक्रम किया था उस वक्त भी सेना ने यमुना पर तैरता हुआ पुल और सड़क बनाए थे, तब तो किसी ने सवाल नहीं उठाया था। वैसे जब उस वक्त गलत हुआ था तो आज के गलत को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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इस बारे में एनडीटीवी इंडिया ने रक्षा राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह से एक बार नहीं कई बार सवाल पूछा लेकिन उन्होंने एक भी बार कुछ नहीं बोला। अब खबर है कि यमुना नदी पर श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में सेना के इस्तेमाल पर उठे सवाल के बाद रक्षा मंत्रालय इसको लेकर एक नीति बनाने जा रहा है। खैर इस पर बस यही कहा जा सकता है देर आये दुरुस्त आए।