जसबीर सिंह (काली शर्ट में) पर भीड़ को उकसाने का आरोप है
श्रीनगर: जम्मू के उधमपुर में 9 अक्टूबर को जिस भीड़ ने एक युवक की हत्या कर दी थी, उसकी अगुवाई पुलिसकर्मी से अपराधी बना एक शख्स कर रहा था। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि जांच में यह बात सामने आई है। जम्मू के उधमपुर में गोहत्या की अफवाह पर एक ट्रक पर भीड़ ने पेट्रोल बम फेंका था।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व कांस्टेबल जसबीर सिंह भीड़ को उकसाने वालों में शामिल था और वह इस मामले में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से एक है। इस घटना में दो ट्रक वाले गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि 20 साल के जाहिद अहमद ने दम तोड़ दिया था। जाहिद अनंतनाग का रहने वाला था। उसकी मौत के बाद कश्मीर में काफी तनाव की स्थिति बन गई थी।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इस घटना में शामिल समूहों की भूमिका सामने आ रही है। इस घटना को हिंदू बहुल इलाके में एक उग्र भीड़ द्वारा की गई त्वरित क्रिया बताई गई थी। सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार नौ लोगों में से पांच का राजनीतिक दलों के प्रति झुकाव है और उनका आपराधिक इतिहास रहा है।
(अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के बाद आंसू गैस के गोले छोड़ते पुलिसकर्मी)
जसबीर सिंह उधमपुर की पुलिस फोर्स से दो साल पहले गायब हो गया था। सूत्रों ने बताया कि वह एक क्रिमिनल गैंग चलाता है और कई मामलों में उसकी तलाश थी। उसके खिलाफ तीन मामलों में केस दर्ज हो चुके हैं और अपहरण तथा हमला करने जैसे आरोपों के तहत उसके खिलाफ जांच जारी है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय राजनीतिक समर्थन के चलते वह हमेशा गिरफ्तारी से बच जाता था, यहां तक कि विभागीय कार्रवाई से भी वह बचा रहा।
जसबीर सिंह और एक अन्य साजिशकर्ता जो नेपाली नागरिक है और उसका नाम वीरेंद्र सिंह उर्फ काका है, दोनों माया गैंग नामक क्रिमिनल ग्रुप के सदस्य थे। वीरेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सत्ताधारी पीडीपी ने हालांकि कहा है कि जाहिद की हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में वह किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगी।
पीडीपी के महासचिव निजामुद्दीन भट्ट ने कहा, मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस अपराध में जो भी शामिल है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक अपराधी सिर्फ अपराधी होता है, वह कोई भी हो सकता है। यह हैरान करने वाली बात है कि वह ऐसा आदमी है जो कभी वर्दीधारी था।
जाहिद की मौत के बाद कश्मीर घाटी में काफी तनाव की स्थिति रही। अनंतनाग में छह दिनों तक कर्फ्यू जैसे हालात रहे। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों के अलावा कम से कम 60 पुलिसकर्मी घायल हो गए। आज भी अनंतनाग में युवकों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में महिलाओं ने सड़क जाम कर दिया, जिसके बाद उनके बीच झड़प हो गई। पुलिस ने पिछले हफ्ते के प्रदर्शन के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।