ITBP रेफरल हॉस्पिटल में सशस्‍त्र बलों के कोरोना संक्रमित करीब एक हजार कर्मियों-परिजनों का हुआ इलाज

अस्पताल कोविड पॉजिटिव सीएपीएफ के कर्मियों और उनके परिवारों का उपचार नि:शुल्क मुहैया करवा रहा है. इस अस्पताल में रोगियों के ठीक होने की दर लगभग 100% है (एक मरीज की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है) . यह राष्ट्रीय रिकवरी दर 78% से कहीं अधिक है,

ITBP रेफरल हॉस्पिटल में सशस्‍त्र बलों के कोरोना संक्रमित करीब एक हजार कर्मियों-परिजनों का हुआ इलाज

ITBP रेफरल हॉस्पिटल का उद्घाटन वर्ष 2018 में किया गया था

नई दिल्ली:

उद्घाटन के कुछ वर्षों के भीतर ही ग्रेटर नोएडा स्थित 200 बेड वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) रेफरल अस्पताल ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों और उनके परिवारों के उपचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.लखनावाली कैंप, सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा में विशिष्ट सुविधाओं से लैस यह अस्पताल अपनी तरह के एक अद्वितीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से कम नहीं है. अस्पताल की विशेषज्ञता के बारे में मेडिकल सुपेरिटेनडेंट डॉक्टर दिनेश चन्द्र डिमरी आईजी ने बताया कि आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल के प्रयासों और लगातार मार्गदर्शन से यह उपलब्धि आईटीबीपी रेफरल अस्पताल को मिली है.

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इस लॉकडाउन के दौरान आंतरिक सुरक्षा और कंटेनमेंट क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था के डयूटियों का निर्वहन करते हुए विभिन्न बलों के बहुत सारे पुलिसकर्मी संक्रमित हो गए और उन्हें दिल्ली दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित अस्पताल में बेड पाने में वास्तविक कठिनाई का सामना करना पड़ा. इस दौरान, सभी वर्दीधारी बलों और अन्य सहयोगी संगठनों और उनके परिवारों के लिए आईटीबीपी रेफरल अस्पताल की सुविधाएं खोली गईं. सभी बलों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया कि वे अपने कोविड पॉजिटिव कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य देखभाल के लिए इस अस्पताल में भेजें. बल के सेवानिवृत्त जवानों को विशेष देखभाल के लिए भर्ती किया गया था. अस्पताल में 8 सितंबर, 2020 तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) बिरादरी के 1150 से अधिक कोरोना पॉजिटिव रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर उनको घर भेजा गया, जिनमें बीएसएफ के 91 जवान, सीआरपीएफ के 196, सीआईएसएफ के 200, आईटीबीपी के 289, एसएसबी के 159, एनएसजी के 83, एसपीजी के 64, एनआईए के 15, एनडीआरएफ के 10, बीपीआर एंड डी के 01, आईबी के 19, सीबीआई के 03, एनटीआरओ के 07 एवं गृह मंत्रालय के 05 कार्मिक शामिल हैं. यह डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और नर्सों की समर्पित टीमों के कारण ही संभव हुआ है. कोई भी डॉक्टर या अस्पताल का कर्मचारी अपने कर्तव्य के दौरान लंबे समय तक बीमारी के संपर्क में रहने के बावजूद कोविड संक्रमित नहीं हुआ. 

अस्पताल कोविड पॉजिटिव सीएपीएफ के कर्मियों और उनके परिवारों का उपचार नि:शुल्क मुहैया करवा रहा है. इस अस्पताल में रोगियों के ठीक होने की दर लगभग 100% है (एक मरीज की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है) . यह राष्ट्रीय रिकवरी दर 78% से कहीं अधिक है,अस्पताल के कर्मचारियों के अथक प्रयासों के कारण सभी गंभीर मरीज ठीक हो गए. इस अस्पताल का उद्घाटन वर्ष 2018 में किया गया, यह अस्पताल गृह मंत्रालय (MHA) और आईटीबीपी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और विभिन्‍न चिकित्सा साइंस स्ट्री्म्स् जैसे - औषधि, सामान्य और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, ग्यापने और ओब्ससट, बाल रोग, एनेस्थिसिया और दर्द प्रबंधन, नेत्र विज्ञान, मनोचिकित्सा, हड्डी रोग, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, ईएनटी, डेंटल सेक्शन, फिजियोथेरेपी और पुनर्वास आदि की अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ उद्देश्यों की पूर्ति कर रहा है.

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