मजदूरों से किराया लेने की खबरों पर मचे घमासान के बीच सरकार की सफाई- हमने कभी पैसे लेने की बात नहीं कही

देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) से रेल किराया लेने (Rail Fare) की खबरों पर मचे सियासी घमासान के बीच सरकार की तरफ से सफाई आई है.

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) से रेल किराया लेने (Rail Fare) की खबरों पर मचे सियासी घमासान के बीच सरकार की तरफ से सफाई आई है. सरकार ने कहा कि हमने कभी प्रवासी मजदूरों से किराया लेने की बात नहीं कही है. रेलवे 85% और राज्य 15% किराये का वहन करेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.

लव अग्रवाल ने कहा, 'हमने राज्यों के अनुरोध पर विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति दी है. हम लागत के मानदंडों के अनुसार 85-15 प्रतिशत (रेलवे: राज्यों के शेयर) में विभाजित कर रहे हैं. हमने राज्यों से कभी नहीं कहा कि वे फंसे हुए मजदूरों से पैसा वसूलें.' उनसे पूछा गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी इन ट्रेनों द्वारा घर जाने वाले सभी प्रवासियों और जरूरतमंद श्रमिकों के लिए किराया का भुगतान करेगी.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी. कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी.' पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया गया है.

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उधर, बिहार सरकार सभी प्रवासियों को टिकट के अलावा उनको पांच सौ रुपये भी देगी. सीएम नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है. उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी बिहारियों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का विचार किया है. सीएम नीतीश ने कहा कि किसी भी को टिकट के लिए पैसा देने की जरूरत नहीं है. इन लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर तैयार कर लिया गया है. इसमें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई गई  सभी को यहां पर 21 दिन रहना होगा. इसके बाद आने जाने के खर्च के अलावा 500 रुपये की मदद की जाएगी. यानी कम से कम 1 हजार रुपया दिया जाएगा. इस योजना के तहत 19 लाख लोगों को पहले ही एक हजार रुपया दिया जा चुका है. इसके अलावा जो छात्र कोटा से आ रहे हैं उनका भी किराया राज्य सरकार दे रही है.