प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है
पटना: ऐसा लगता है कि बिहार सरकार वह नहीं करती जिसको लेकर वह 'उपदेश' देती है. 15 अप्रैल को राज्य के मुख्य सचिव की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को लॉकडाउन का बेहद कड़ाई से पालन कराने संबंधी पत्र के दो दिन बाद ही नीतीश कुमार की बिहार सरकार ने बीजेपी विधायक अनिल सिंह को उनके पुत्र को लाने के लिए मूवमेंट पास जारी कर दिया. पिछले सप्ताह शुक्रवार को उत्तरप्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों वापस लाने के लिए जब 300 बसें भेजी थी तो एनडीए में शामिल जेडीयू के प्रमुख नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसका विरोध किया था. नीतीश ने इसे लॉकडाउन के सिद्धांत के खिलाफ बताया था.
NDTV से बात करते हुए नीतीश ने उस समय कहा था, 'जिस तरहह से विशेष बसों को कोटा में फंसे स्टूडेंट्स को लाने के लिए भेजा जा रहा है, वह लॉकडाउन के सिद्धांत के साथ अन्याय है.' नीतीश ने कहा था कि इससे सोशल डिस्टेसिंग के नियम का उल्लंघन हो रहा है और लोगों के एकत्र होने से कोविड-19 के वायरस के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. नीतीश के इस बयान और इसके बाद बिहार सरकार की ओर से बीजेपी विधायक अनिल सिंह को मूवमेंट पास जारी किए जाने से चुनावी रणनीतिकार और नीतीश के पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर को सीएम पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.
प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में लिखा, 'कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के खिलाफ होगा.अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है. नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?' प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट के साथ बीजेपी विधायक को जारी किए गए मूवमेंट पास की कॉपी भी लगाई है. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर को इस वर्ष जनवरी में ही जनता दल यूनाइटेड यानी जेडी यू ने निलंबित किया गया है.गौरतलब है कि इस मसले पर प्रशांत किशोर से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप भी नीतीश कुमार को आड़े हाथ ले चुके हैं.
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