गुजरात में प्रवासियों पर लाठीचार्ज : शिवानंद तिवारी ने कहा- बड़का मंत्री रविशंकर प्रसाद, बड़बोले गिरिराज और अश्विनी चौबे अब चुप हैं

गुजरात के सूरत में सोमवार को भी प्रवासी मज़दूरों के घर वापस जाने के इंतज़ाम पर हिंसक प्रदर्शन के बाद लाठीचार्ज हुआ और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है.

गुजरात में प्रवासियों पर लाठीचार्ज : शिवानंद तिवारी ने कहा- बड़का मंत्री रविशंकर प्रसाद, बड़बोले गिरिराज और अश्विनी चौबे अब चुप हैं

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी बीजेपी-JDU को घेरने का मौका नहीं छोड़ते हैं.

खास बातें

  • गुजरात में प्रवासियों और पुलिस में झड़प
  • पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
  • RJD ने बीजेपी से मांगा जवाब
पटना:

गुजरात के सूरत में सोमवार को भी प्रवासी मज़दूरों के घर वापस जाने के इंतज़ाम पर हिंसक प्रदर्शन के बाद लाठीचार्ज हुआ और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा, कल गुजरात के सूरत में प्रवासी श्रमिकों पर पुलिस ने लाठी बरसाई. यह चौथा मौका है जब प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी के लिए व्यवस्था की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. किसी प्रकार की व्यवस्था करने की बात तो अलग है, उनको आश्वासन भी नहीं मिल रहा है कि उनके घर वापसी का कोई इंतजाम सरकार की योजना में है या नहीं.'

उन्होंने कहा, 'याद कीजिए इसके पहले मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर अचानक हजारों प्रवासी इकट्ठा हो गए थे. उनकी मांग भी यही थी. वे भी घर पहुंचाने की ही मांग कर रहे थे. वहां भी पुलिस ने लाठी चला कर उनको उनको वहां से भगा दिया था. स्मरण होगा कि उस समय भारत सरकार के गृह मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को टेलीफोन किया था और अचानक इस तरह स्टेशन पर इतनी भीड़ हो जाने को लेकर चिंता व्यक्त किया था.'

शिवानंद ने कहा कि लेकिन सूरत में कल चौथा मौका था जब प्रवासी श्रमिकों ने प्रदर्शन किया. चौथी मर्तबा भी लाठी चलाई गई. लेकिन सरदार पटेल की विरासत को संभालने वाले गृहमंत्री हमारे अमित भाई ने कभी भी गुजरात के मुख्यमंत्री को फोन कर य़ह जानने का प्रयास नहीं किया ऐसा क्यों हो रहा है! सबसे दुखद और  पीड़ादायक तो यह है कि बिहार भाजपा के किसी भी नेता ने इस मामले में अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है!

शिवानंद ने कहा कि अनुमान लगाइए कि ऐसी घटना अगर कांग्रेस शासित राज्यों में हुई होती तो भाजपाइयों की क्या प्रतिक्रिया होती! अब तक भाजपाइयों ने तोआसमान सिर पर उठा लिया होता. रोज-रोज सरकार की तरफदारी में बयान देने वाले हमारे सुशील मोदी जी इस मानवीय मसले पर मौन हैं! मोदी सरकार के बड़का मंत्री रविशंकर जी चुप हैं. बड़बोले गिरिराज और अश्वनी चौबे का मुंह भी अब इस मामले में नहीं खुल रहा है. हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि प्रवासी श्रमिकों के इस मानवीय समस्या के निदान की उसकी  क्या योजना है इसको स्पष्ट करें ताकि प्रवासी श्रमिकों को की बेचैनी समाप्त हो. 

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तिवारी ने कहा, 'हम बिहार के मुख्यमंत्री समेत भारतीय जनता पार्टी के बिहार के नेताओं से भी मांग करते हैं अपने प्रवासी श्रमिकों को, जो कोरोना वायरस की बिमारी को लेकर भय और अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं और घर वापस आना चाहते हैं, उनके लौटने की व्यवस्था के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें'.