कोरोनावायरस: तो क्या ट्रेन की स्लीपर बोगियों को बनाया जाएगा आइसोलेशन सेंटर?

उत्तर रेलवे को यह अध्ययन करने के लिये कहा गया है कि क्या वह ट्रेनों की गैर-वातानुकूलित बोगियों और कैबिनों को कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिये पृथक वार्ड बना सकता है.

कोरोनावायरस: तो क्या ट्रेन की स्लीपर बोगियों को बनाया जाएगा आइसोलेशन सेंटर?

रेलवे ने अपनी सभी यात्री सेवाएं 14 अप्रैल तक निलंबित कर दी हैं

नई दिल्ली:

उत्तर रेलवे को यह अध्ययन करने के लिये कहा गया है कि क्या वह ट्रेनों की गैर-वातानुकूलित बोगियों और कैबिनों को कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिये पृथक वार्ड बना सकता है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि बुधवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव, सभी जोन के महाप्रबंधकों और डिवीजनल रेलवे प्रबंधकों के साथ बैठक की थी, जिसमें खाली बोगियों और कैबिनों को आईसीयू के रूप में इस्तेमाल करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी. 

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भारतीय रेल की रोजाना 13,523 ट्रेनें चलती हैं. रेलवे ने अपनी सभी यात्री सेवाएं 14 अप्रैल तक निलंबित कर दी हैं, जिसके चलते उसकी ट्रेनें खाली पड़ी हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हम कोरोना वायरस से खिलाफ लडा़ई का हिस्सा बनने के लिये तैयार हैं. हमारे पास विशाल संसाधन हैं. हम अपने कर्मचारियों के लिये पहले ही सैनिटाइजर बना चुके हैं. हम जरूरी चिकित्सा उपकरण बनाना चाहते हैं और अपनी बोगियों को इस्तेमाल करने की रेलवे की पेशकश बड़े प्रयासों का हिस्सा बनने का एक और तरीका है.'' 

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