Coronavirus: उद्धव ठाकरे ने कहा- महाराष्ट्र में क्वारंटाइन के लिए होटलों में रह सकते हैं मरीज

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में कोरोना के पैर फैलाने से चिंतित, लोगों से कहा कि खुद सावधानी बरतें, सब कुछ सिर्फ सरकार पर न छोड़ दें

Coronavirus: उद्धव ठाकरे ने कहा- महाराष्ट्र में क्वारंटाइन के लिए होटलों में रह सकते हैं मरीज

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने पर चिंता जताई है.

खास बातें

  • ठाकरे ने कहा- सभी धर्मों के लोग धार्मिक स्थलों पर भीड़ न करें
  • खुद सावधानी बरतें, कानून को जबरन लागू करने पर मजबूर न करें
  • फिलहाल बस, रेल और चौपाटी को बंद करने का कोई फ़ैसला नहीं हुआ
मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने आज महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताई. उन्होंने लोगों से कहा कि खुद सावधानी बरतें, सब कुछ सिर्फ सरकार पर न छोड़ दें. उन्होंने कहा कि होटलों से भी क्वारंटाइन के लिए कमरे उपलब्ध कराने की बात हुई है. जो लोग अस्पताल में क्वारंटाइन में नहीं रहना चाहते वे होटलों में पैसे देकर रह सकते हैं. सरकार होटलों के लिए एक रियायती दर तय करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 39 मरीज हो गए हैं. लेकिन शहरों को पूरा शट डाउन करने पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है.   

उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये संकट पूरी दुनिया में है. ये भी देखने मे आया है कि जहां भी कोरोना वायरस ((Coronavirus)) का प्रकोप बढ़ा है वहां तीसरे चौथे सप्ताह में बढ़ा है. महाराष्ट्र में भी दूसरा और तीसरा सप्ताह अहम होगा. अब ग्रामीण इलाकों में भी स्कूल कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है. सभी धर्म के लोगों से विनती है कि धार्मिक  स्थलों पर भी भीड़ न करें. अभी मैंने सुना है कि सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन पर पाबंदी लगाई गई है. दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि अभी बस, रेल और चौपाटी को बंद करने का कोई फ़ैसला नहीं हुआ है. कोरोना से अर्थव्यवस्था पर असर को देखते हुए सम्बंधित अधिकारियों को सूचना दी गई है कि वे नुकसान कैसे कम से कम हो, इस पर ध्यान दें. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 39 मरीज हो गए हैं. लेकिन शहर को पूरा शट डाउन करने पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है. मेरा सबसे निवेदन है कि खुद सावधानी बरतें. कानून को जबरन लागू करने पर मजबूर ना करें. 108 लोग अभी अलग-अलग अस्पतालों में आइसोलेशन में हैं. 621 लोगों को अपने घरों में क्वारंटाइन रहने को कहा गया है.

ठाकरे ने कहा कि जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीद-विक्री पर अभी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है. लोगों से निवेदन है कि ऐसा कदम उठाना पड़े, ऐसा कुछ न करें, अपनी जिम्मेदारी समझें. सब कुछ सरकार पर छोड़कर नहीं चल सकते. सबका सहयोग जरूरी है.

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उन्होंने कहा कि मुम्बई के कुछ बड़े होटलों से भी क्वारंटाइन के लिए कमरे देने की बात हुई है. जिन्हें सरकारी अस्पतालों के बजाय होटलों में क्वारंटाइन के लिए रहना है, वे पैसे देकर रह सकते हैं. सरकार होटल प्रबंधन से बात करके एक रियायती दर तय करेगी.