यह ख़बर 23 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्ती सही : कोर्ट

खास बातें

  • लोकसेवकों द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने के लिए बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 को संविधान के प्रावधानों के अनुकुल बताया है।
पटना:

पटना उच्च न्यायालय ने भ्रष्ट लोकसेवकों द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने के लिए बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 को संविधान के प्रावधानों के अनुकुल बताया है। इस अधिनियम के तहत आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने वाले राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक नारायण मिश्र, राज्य के पूर्व औषध नियंत्रक वाई के जयसवाल, लघु जल संसाधन विभाग के पूर्व सचिव शिवशंकर वर्मा सहित अन्य लोकसेवकों ने अपने खिलाफ दायर किए गए मुकदमों को चुनौती देते हुए इस अधिनियम को संविधान के प्रावधानों के खिलाफ बताया था और उसे रद्द किया जाने को लेकर पटना उच्च न्यायालय की शरण में गए थे। पटना उच्च न्यायालय के न्यायधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायधीश रवि रजंन की खंडपीठ ने गत चार जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों न्यायधीशों की इस खंडपीठ ने इस संबंध में बुधवार को सुनाए गए अपने 43 पन्नों के फैसले में बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 को संविधान के प्रावधानों के अनुकुल बताते हुए उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया।


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