यह ख़बर 04 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया। आखिर में पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी को वीरभद्र सिंह के बचाव में उतरना पड़ा।

अंबिका सोनी का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को राजनीतिक फायदे के लिए उछाल रही है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। वीरभद्र सिंह पर बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने के बदले करीब चार करोड़ का लोन लेने का आरोप लगा है।
कांग्रेस पार्टी के मुताबिक, उन्हें वीरभद्र सिंह ने सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं, जिनकी पार्टी अपने कानूनी सलाहकारों से जांच कराएगी। वहीं हिमाचल प्रदेश में बीजेपी लगातार विरोध-प्रदर्शन और इस्तीफे की मांग कर रही है। आज भी बीजेपी धरना प्रदर्शन करने वाली है। वीरभद्र सिंह आज शिमला लौट रहे हैं।
 
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक पनबिजली परियोजना से जुड़ी कंपनी को एक्सटेंशन देने के बदले घूस लेने के आरोप से घिरते जा रहे हैं। एनडीटीवी के पास मौजूद दस्तावेजे बताते हैं कि  2 सितंबर को पनबिजली परियोजना को 10 महीने की मोहलत दी गई। इसके एक महीने पहले वीरभद्र सिंह के खाते से एक करोड़ 20 लाख रुपये उनकी पत्नी के खाते में डाले गए। यह रकम पनबिजली कंपनी के मालिक वकामुल्ला ने वीरभद्र सिंह को बतौर कर्ज दी। इससे पहले फरवरी में भी वकामुल्ला ने प्रतिभा सिंह को 60 लाख रुपये का कर्ज दिया था।

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