लोकसभा अध्‍यक्ष रहते हुए भी मैं अपनी पार्टी की सरकार के ख़िलाफ आवाज़ नहीं उठा सकती थी क्‍योंकि... : सुमित्रा महाजन

'मैंने जो भी किया वह इंदौर के विकास को ध्यान में रखते हुए किया. जब हमारा एजेंडा इंदौर का विकास करना हो तो फिर पार्टी पॉलिटिक्स को दिमाग में नहीं रखते हैं.'

खास बातें

  • 'मैंने जो भी किया वह इंदौर के विकास को ध्यान में रखते हुए किया'
  • सुमित्रा महाजन के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं
  • उन्‍होंने कहा, 'जीतू पटवारी में मेरा शिष्य बनने के सभी गुण हैं'
भोपाल:

पूर्व लोकसभा स्पीकर और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) के एक बयान से मध्यप्रदेश की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है. मध्यप्रदेश की राजनीति में ताई के नाम से जानी जाने वाली सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) इंदौर के एम वाय अस्पताल में नयी कैंटीन के उद्घाटन के मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन के साथ आई थीं. इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं जब सांसद और स्पीकर थी, उस दौरान इंदौर के विकास की फिक्र रहती थी. लेकिन पार्टी के अनुशासन में होने के कारण मैं कई बार अपनी पार्टी की प्रदेश और केंद्र सरकार के ख़िलाफ आवाज़ नहीं उठा सकती थी. ऐसे में मैं कांग्रेस के युवा नेता जीतू पटवारी (Jitu Patwari) और तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) से धीरे से कह देती थी कि भैया इंदौर के लिए कुछ करो, कुछ कहो. मुद्दा उठाओ, आगे मैं आपकी बात शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और केंद्र तक पहुंचा दूंगी.'

उन्होंने इस मौके पर ये भी कहा कि जीतू पटवारी में मेरा शिष्य बनने के सभी गुण हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने जो भी किया वह इंदौर के विकास को ध्यान में रखते हुए किया. जब हमारा एजेंडा इंदौर का विकास करना हो तो फिर पार्टी पॉलिटिक्स को दिमाग में नहीं रखते हैं.'

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 सुमित्रा महाजन के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. उनके इस बयान के बाद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, 'ताई अनुभवी नेता हैं. वो जो बोलती हैं सोच समझकर बोलती हैं. इसलिए उन्होंने जो कहा सही कहा.'