यह ख़बर 14 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

यूपी में जिलों के नाम बदलने के मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश

खास बातें

  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मायावती सरकार के शासनकाल में गठित जिलों और पार्कों के नाम बदलने के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तरफ से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार से दो सप्ताह के अंदर
लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मायावती सरकार के शासनकाल में गठित जिलों और पार्कों के नाम बदलने के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तरफ से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार से दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए।

बसपा की तरफ से लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर मांग की थी कि सपा सरकार ने मायावती शासनकाल में बनाए गए जिलों और पार्कों के नाम बदले हैं उन्हें फिर से बहाल किया जाए क्योंकि ये राजनीति से प्रेरित कदम है।

बसपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और वीके दीक्षित की संयुक्त खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का पक्ष सामने आने के बाद मामले पर फैसला करेगी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितम्बर तय की है। उल्लेखनीय है कि अखिलेश सरकार द्वारा मायावती शासनकाल में बनाए गए आठ जिलों के साथ लखनऊ स्थित अम्बेडकर हरित पार्क का नाम बदलने के खिलाफ बसपा ने धरना प्रदर्शन करने के बाद अदालत की शरण ली है।