कोरोना से जंग : PM मोदी को चिट्ठी लिखकर सोनिया गांधी ने दिए 5  "ठोस" सुझाव, कहा- सरकारी विज्ञापन पर रोक लगाकर बचाएं पैसा

सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने "पांच ठोस सुझाव" दिए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री इस पर अमल करेंगे.

कोरोना से जंग : PM मोदी को चिट्ठी लिखकर सोनिया गांधी ने दिए 5  

Sonia Gandhi ने कोरोनावायरस से लड़ने में मदद करने के लिए PM Modi को भेजे सुझाव (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कोरोना से निपटने के लिए सोनिया गांधी के पांच ठोस सुझाव
  • सरकारी विज्ञापन पर लगे रोक
  • 20,000 करोड़ रुपये के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट को टालें
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus)से मुकाबले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने सरकारी विज्ञापन बंद करने, दिल्ली में 20,000 करोड़ रुपये के "सौंदर्यीकरण अभियान" को टालने तथा अधिकारियो-मंत्रियों का विदेश दौरा रद्द करने और पीएम केयर्स फंड की राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है. यह चिट्ठी ऐसे समय लिखी गई जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं से फोन पर बात करके कोरोना संकट के संबंध में सुझाव मांगे थे. 

सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने "पांच ठोस सुझाव" दिए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री इस पर अमल करेंगे.

सोनिया ने अपने पहले सुझाव में, सरकार एवं सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों- टेलीविज़न, प्रिंट एवं ऑनलाइन विज्ञापनों- पर दो साल के लिए रोक लगाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह पैसा कोरोनावायरस से उत्पन्न संकट से जूझने में लगाया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग 1,250 करोड़ रु. खर्च करती है. इसके अलावा, सरकारी उपक्रमों एवं सरकारी कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली सालाना राशि इससे भी अधिक है. .

दूसरा, 20,000 करोड़ रु. की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा' ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को स्थगित किया जाए. मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च फिजूल है. मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना संपूर्ण कार्य कर सकती है. ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है. 

तीसरा, भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए. यह 30 प्रतिशत राशि (लगभग 2.5 लाख करोड़ रु. प्रतिवर्ष) प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सुरक्षा चक्र प्रदान करने के लिए आवंटित की जाए. 

चौथा, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को स्थगित किया जाए. केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन एवं अत्यधिक आवश्यक विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री द्वारा अनुमति दी जाए. 

पांचवां, ‘पीएम केयर्स' फंड की संपूर्ण राशि को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड' (PMNRF) में स्थानांतरित किया जाए. इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा. जनता की सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत व संसाधनों की बर्बादी है. पीएम-एनआरएफ में लगभग 3800 करोड़ रु. की राशि (वित्तवर्ष 2019 के अंत तक) बिना उपयोग के पड़ी है. यह फंड तथा ‘पीएम-केयर्स' की राशि को मिलाकर उपयोग में लाकर, समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा प्रदान किया जाए. 

उन्होंने कहा कि अब विधायिका एवं सरकार द्वारा लोगों के विश्वास व भरोसे पर खरा उतरने का समय आ गया है. देश के समक्ष उत्पन्न हुई कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में हमारा संपूर्ण सहयोग आपके साथ है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com