शिक्षा मंत्रालय की स्‍कूल फिर खोलने के लिए गाइडलाइंस: पेरेंट्स की सहमति जरूरी, अटेंडेंस नीतियों में रखें लचीलापन

शिक्षा मंत्रालय ने सिफारिश की है कि स्कूलों को उपस्थिति और अस्वस्थता अवकाश संबंधी नीतियों में लचीलापन लाना चाहिए. उसने कहा, ‘‘छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं.

शिक्षा मंत्रालय की स्‍कूल फिर खोलने के लिए गाइडलाइंस: पेरेंट्स की सहमति जरूरी, अटेंडेंस नीतियों में रखें लचीलापन

कोरोना महामारी के चलते स्कूलों को 16 मार्च को बंद करने का आदेश दिया गया था (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • कहा, स्‍कूल परिसरों की पूरी तरह सफाई सुनिश्चित की जाए
  • माता-पिता की सहमति पर ही स्‍कूल आ सकते हैं छात्र
  • 16 मार्च से स्‍कूल बंद करने का दिया गया था आदेश
नई दिल्ली:

Covid-19 Pandemic: कोरोना महामारी के बीच शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने स्कूलों (Schools)को फिर से खोलने के लिए सोमवार को दिशानिर्देश (Guidelines) जारी किए हैं. इनमें परिसरों की पूरी तरह सफाई और उन्हें संक्रमणमुक्त करना, उपस्थिति की नीतियों में लचीलापन रखना, तीन सप्ताह तक मूल्यांकन नहीं करना और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान घर से पढ़ाई से सुगमता से औपचारिक स्कूल प्रणाली तक बदलाव सुनिश्चित करना शामिल है.मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सावधानियों के आधार पर खुद की मानक परिचालन प्रक्रियाएं बनाने को कहा है. 

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शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से स्कूलों के क्रमिक तरीके से पुन: खुलने के लिए जारी दिशानिर्देशों में कहा, ‘‘स्कूलों को सभी क्षेत्रों, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, पानी के टैंकों, रसोईघरों, कैन्टीन, शौचालयों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों की पूरी तरह सफाई करने और उन्हें संक्रमणमुक्त करने की व्यवस्था करनी चाहिए तथा स्कूल के भीतरी परिसर में हवा का प्रवाह सुनिश्चित करना चाहिए.'' इसमें कहा गया है, ‘‘स्कूलों को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर उनके खुद के एसओपी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है जिनमें सुरक्षा के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जाए तथा सुनिश्चित किया जाए कि इस संबंध में नोटिस, पोस्टर, अभिभावकों से संवाद, संदेशों को प्रमुखता से प्रसारित किया जाए.'' 

मंत्रालय ने सिफारिश की है कि स्कूलों को उपस्थिति और अस्वस्थता अवकाश संबंधी नीतियों में लचीलापन लाना चाहिए.
 उसने कहा, ‘‘छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं. छात्र चाहें तो स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं ही करते रह सकते हैं.'' इसमें कहा गया, ‘‘स्कूल पुन: खुलने के दो से तीन सप्ताह तक कोई मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और आईसीटी तथा ऑनलाइन प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाता रहेगा.'' गौरतलब है कि देशभर में कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च को बंद करने का आदेश दिया गया था. केंद्र सरकार ने 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया था. अनलॉक के ताजा दिशानिर्देशों के अनुसार निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान 15 अक्टूबर के बाद पुन: खुल सकते हैं. इस बारे में निर्णय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर छोड़ दिया गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)