प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर फिर से निशाना साधा है
पटना: COVID-19 Pandemic: देश में कोरोना वायरस के केसों में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना वायरस की महामारी के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में खेतिहर मजदूर, श्रमिक और स्टूडेंट्स दूसरे राज्यों में फंस गए हैं और अपने घर वापस नहीं लौट पा रहे. इन मजदूर-स्टूडेंट्स में बिहार (Bihar) के लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है. चुनावी रणनीतिकार और पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)पर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, 'देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन की वजह से फंसे बिहार के हज़ारों लोगों की दशा दयनीय बनी हुई है लेकिन मर्यादा में बंधे नीतीश कुमार जी के पास सबके लिए एक ही समाधान है– फंसे हुए कुछ लोगों को 1000 रुपये का मदद!अब इस उदारता के लिए हम सबको जीवनभर उनका आभारी होना ही चाहिए.'
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर को इस वर्ष जनवरी में ही जनता दल यूनाइटेड यानी जेडी-यू ने निलंबित किया गया है. प्रशांत किशोर इससे पहले बिहार सरकार में सहयोगी बीजेपी के विधायक अनिल सिंह को कोटा के लिए मूवमेंट पास जारी किए जाने को लेकर भी नीतीश को आड़े हाथ ले चुके हैं. प्रशांत किशोर ने उस समय ट्वीट किया था, 'कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के खिलाफ होगा. अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है. नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?' प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट के साथ बीजेपी विधायक को जारी किए गए मूवमेंट पास की कॉपी भी लगाई थी.
गौरतलब है कि 15 अप्रैल को बिहार के मुख्य सचिव की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को लॉकडाउन का बेहद कड़ाई से पालन कराने संबंधी पत्र के दो दिन बाद ही नीतीश कुमार की बिहार सरकार ने बीजेपी विधायक अनिल सिंह को उनके पुत्र को राजस्थान के कोटा शहर से लाने के लिए मूवमेंट पास जारी कर दिया था. इस मसले पर नीतीश कुमार को खासी आलोचना का शिकार होना पड़ा था.
VIDEO: PM मोदी के सामने बिहार के CM नीतीश कुमार ने उठाया कोटा के छात्रों का मुद्दा