कोविड-19 टीके के वितरण में आएगी साजो-सामान, आपूर्ति संबंधी चुनौतियां: विशेषज्ञ

सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि सरकार टीका खरीदने और इसके वितरण को लेकर अपना काम करेगी, लेकिन संक्रमण को काबू में रखने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए.

कोविड-19 टीके के वितरण में आएगी साजो-सामान, आपूर्ति संबंधी चुनौतियां: विशेषज्ञ

हैदराबाद:

वैज्ञानिक एवं अनुसंधान औद्योगिक परिषद (सीएसआईआर) के तहत काम करने वाले सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के निदेशक का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के दौरान देश में टीके के वितरण के लिए साजो सामान और आपूर्ति श्रृंखला जैसी कई चुनौतियां सामने आएंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि प्रभावी टीके के उपलब्ध होने तक वायरस को फैलने से रोकने की कोशिशों में कमी नहीं आनी चाहिए.

सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि सरकार टीका खरीदने और इसके वितरण को लेकर अपना काम करेगी, लेकिन संक्रमण को काबू में रखने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए. इसके अलावा टीका उपलब्ध होने तक संक्रमण से निपटने के लिए अधिक प्रभावी संक्रमणरोधी दवाइयों के लिए अध्ययन किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीके के उत्पादन के अलावा इसके वितरण के लिए साजो-सामान और आपूर्ति अन्य चुनौतियां हैं. भारत में गर्भवती महिलाओं के लिए टिटनस के टीके के अलावा वयस्कों के लिए कोई टीकाकरण कार्यक्रम नहीं है. मिश्रा ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण में भी कई मुश्किलें हैं क्योंकि कई लोग टीके लगवाते ही नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अधिकतर टीकों के लिए कम से कम दो खुराक की आवश्यकता हो सकती है और दूसरा टीका कुछ निश्चित दिनों के बाद लगना चाहिए. यह सुनिश्चित करना एक और चुनौती होगी.

मिश्रा ने ‘पीटीआई भाषा' से कहा कि कुछ कंपनियों के टीकों को शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में रखना होगा. बड़े शहरों के अलावा अन्य स्थानों पर इसका प्रबंध करना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक अन्य चिंता की बात है कि दो-तीन साल बाद ही पता चल पाएगा कि क्या टीका दीर्घकाल में भी वास्तव में प्रभावी है या नहीं.

सीसीएमबी कोविड-19 टीके के लिए ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट' विकसित कर रहा है. यह अरविंदो फार्मा के साथ हुए करार का हिस्सा है. ‘प्रू्फ ऑफ कॉन्सेप्ट' में यह पता लगाया जाता है कि किसी अवधारणा को हकीकत में बदला जा सकता है या नहीं और उसकी अवधारणा की व्यावहारिकता कितनी है.

मिश्रा ने कहा कि सीएसआईआर का लक्ष्य करीब तीन महीने में अपनी कोशिशों को ‘‘निष्कर्ष'' तक पहुंचाना है. मिश्रा ने कहा कि एक बार इसके तैयार होने के बाद, इसे आगे की प्रक्रिया के लिए अरविंदो फार्मा को सौंप दिया जाएगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)