यह ख़बर 15 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

नक्सलियों को सूचना लीक करने के आरोप में सीआरपीएफ अफसर गिरफ्तार

गया:

बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले के बाराचट्टी में तैनात केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 159 बटालियन के सहायक कमांडेंट संजय कुमार यादव को नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सूचना उन्हें देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में इमामगंज थाना में एक मामला भी दर्ज कराया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमित कुमार ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी सीआरपीएफ अधिकारी के साथ इमामगंज निवासी प्रदीप यादव को भी गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और दोनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार लोगों से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है।

सीआरपीएफ के इस अधिकारी पर नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की महत्वपूर्ण जानकारियां लीक करने का आरोप है। उन पर लंबे समय से निगाह रखी जा रही थी। अमित कुमार का दावा है कि काफी साक्ष्य जमा किए जाने के बाद अधिकारी की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि करीब तीन महीने से उनके फोन को निगरानी के दायरे में रखा गया था और जिस दौरान मामले का खुलासा हुआ। संजय मूल रूप से भोजपुर के रहने वाले हैं।

यह पहला मौका है जब देश के नक्सल विरोधी अभियान बल का कोई अधिकारी संदिग्ध आचरण और माओवादियों से संबंध को लेकर जांच के दायरे में आया है। दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फिकार हसन ने कहा, अधिकारी की पहचान की गई है और हम बिहार पुलिस की पहल का स्वागत करते हैं। हमने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और हम इस मामले के तथ्यों को पाकर और खुश होंगे, क्योंकि हम ऐसे बल हैं, जिसने सर्वाधिक संख्या में अपने जवानों को खोया है और नक्सल अभियानों में वीरता पदक जीते हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बल को झकझोर दिया है और हालात का जायजा लेने और आरोपी अधिकारी से बातचीत करने के लिए उसने वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भेजा है। समझा जाता है कि इससे पहले दिन में बिहार के डीजीपी अभयानंद ने सीआरपीएफ प्रमुख दिलीप त्रिवेदी से अधिकारी के खिलाफ आरोपों के बारे में बातचीत की।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com