जम्मू-कश्मीर पर पूरे देश में ऊहापोह के हालात के बीच मोदी कैबिनेट की बैठक खत्म, नहीं होगी मीडिया ब्रीफिंग

कश्मीर घाटी के ज़्यादातर इलाके में मोबाइल और लैंडलाइन सेवा पूरी तरह स्थगित कर दी गई है. ऐसे में न तो फ़ोन से किसी से संपर्क हो पा रहा है न ही कोई लैंडलाइन पर किसी से बात हो पा रही है. ख़बर है कि घाटी में मौजूद कुछ अधिकारियों को सैटेलाइट फ़ोन दिए गए हैं जिससे वहां के हालात की जानकारी लगातार केंद्र सरकार को मिलती रहे.

जम्मू-कश्मीर पर पूरे देश में ऊहापोह के हालात के बीच मोदी कैबिनेट की बैठक खत्म, नहीं होगी मीडिया ब्रीफिंग

आज ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की भी बैठक है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर को लेकर पूरे देश में उहापोह के हालात के बीच  कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है. लेकिन इसके बाद मीडिया को जानकारी देने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. अब गृहमंत्री अमित शाह सीधे संसद में जम्मू-कश्मीर के हालात पर जानकारी देंगे.  इससे पहले कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की भी बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा सुरक्षा सलाहकार शामिल थे. कैबिनेट की बैठक से पहले पीएम मोदी के घर पर कुछ मंत्रियों और बड़े अधिकारियों की मुलाक़ात भी की. इससे पहले क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज सुबह गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की.  उधर जम्मू-कश्मीर के तीन बड़े नेताओं को नज़रबंद किया गया है.  पीडीपी की नेता महबूबा मुफ़्ती, नेशनल कॉन्फ़्रेंस के उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ़्रेंस के सज्जाद लोन को नज़रबंद किया गया है. इसकी जानकारी नेताओं ने ट्वीट कर दी है. जम्मू और श्रीनगर में में धारा 144 लागू कर दी गई है. लोगों को किसी तरह की आमसभा या रैली करने की इजाज़त नहीं है. 

अनुच्छेद 35A समानता के अधिकार का मौलिक उल्लंघन है: अरुण जेटली

वहीं घाटी के ज़्यादातर इलाके में मोबाइल और लैंडलाइन सेवा पूरी तरह स्थगित कर दी गई है. ऐसे में न तो फ़ोन से किसी से संपर्क हो पा रहा है न ही कोई लैंडलाइन पर किसी से बात हो पा रही है. ख़बर है कि घाटी में मौजूद कुछ अधिकारियों को सैटेलाइट फ़ोन दिए गए हैं जिससे वहां के हालात की जानकारी लगातार केंद्र सरकार को मिलती रहे. यह सब उस वक़्त हो रहा है जब गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर घाटी से अमरनाथ यात्रियों और सैलानियों को निकलने का सलाह दी. जिसके बाद से यहां आए हज़ारों सैलानी और यात्री श्रीनगर से बाहर निकल चुके हैं. अमरनाथ यात्रा भी समय से पहले रोक दी गई है. साथ ही राज्य में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है. जिसके बाद से ही यहां के नेता कई तरह की आशंकाएं जता रहे हैं. इन्होंने राज्यपाल से भी मुलाक़ात की है. लेकिन राज्यपाल ने उन्हें किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कही है. साथ ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं. उन पर ध्यान न दें. 

जानिए क्या है अनुच्छेद 35-ए? कश्मीर में इसे लेकर क्यों मचा है सियासी बवाल

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कश्मीर में नजरबंद हुए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती​